पूर्व भारतीय कप्तान ने टीम इंडिया को किया आगाह, बार-बार न करें ये ‘जुर्म’

खबरें अभी तक। अगर वांडरर्स में गुलाबी ड्रेस में खेले जाने के बाद मिलने वाले परिणाम को देखा जाए तो दक्षिण अफ्रीका अपने सभी मैच इसी ड्रेस में खेलना चाहेगा। गुलाबी ड्रेस में वह अब तक कोई मैच नहीं हारे हैं और इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया। हालांकि, उन्हें बारिश से भी मदद मिली, जिसके चलते ओवर घटाने पड़े। इसके अलावा उन्हें भाग्य का भी सहारा मिला, कैच छूटे और विकेट मिलने वाली गेंद नो बॉल हो गई। इन दोनों ही मौकों का फायदा उठाने वाले डेविड मिलर ने कुछ खूबसूरत शॉट खेलकर भारत से मैच छीन लिया और अपना दूसरा मैच खेल रहे हेनरिक क्लासेन ने भी जोखिम लिया और शुरुआती तीन मैचों में अपना दबदबा बनाने वाले स्पिनरों पर शॉट खेलने में सफलता हासिल की।

भारत के पहले बल्लेबाजी करने के फैसले पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं, खासतौर से जब उन्हें पता था कि बारिश मैच में खलल डाल सकती है। हालांकि, कोहली और धवन जिस ढंग से प्रोटियाज की गेंदबाजी से खेल रहे थे, उसे देखते हुए यह फैसला सही लग रहा था। यह सभी को पता है कि डकवर्थ लुइस प्रणाली हमेशा बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम का साथ देती है। यहां पर भी ऐसा ही हुआ। इससे पहले भारतीय टीम 300 का स्कोर पार नहीं कर पाई, जबकि धवन और कोहली की पारियों के बाद उसे ऐसा करना चाहिए था।

पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम के साथ समस्या यह होती है कि उन्हें नहीं पता होता कि कितना स्कोर जीतने के लिए काफी होगा। वह हमेशा स्कोरिंग रेट को बढ़ाने की कोशिश में रहती है और कोहली इसी चक्कर में आउट होकर एक और शतक बनाने से चूक गए। हालांकि, धवन ने इस बार मौका नहीं गंवाया, लेकिन बारिश के खलल से उनका ध्यान भंग हो गया और दोबारा खेल शुरू होने के तुरंत बाद ही आउट हो गए। इसके बावजूद जिस ढंग से भारतीयों ने गेंदबाजी करनी शुरू की उसे देखकर एक और जीत पक्की लगने लगी थी। मगर एबी डिलिलियर्स ने दक्षिण अफ्रीका के स्कोर को जरूरी तेजी दी और इसके बाद चहल की नो बॉल से दक्षिण अफ्रीका को किस्मत का भी साथ मिल गया। ऐसी किस्मत का साथ उन्हें पहले नहीं मिला था। यह दूसरा मौका है जब नो बॉल भारत को भारी पड़ी।