रहना है मेंटल फिट तो खुद पर हंसने की डालिए आदत

खबरें अभी तक। ज्यादातर लोग खुद पर हंसने से बचते हैं, जबकि उन्हें पता होना चाहिए कि खुद पर हंसना मेंटल फिट रहने के लिए जरूरी है. दरअसल एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि अक्सर खुद पर चुटकले कहने वाले लोगों और खुद पर हंसने वालों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का स्तर काफी अच्छा होता है.यह अध्ययन पर्सनैलिटी ऐंड इंडीविजुअल डिफरेंसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है. यह अध्ययन हास्य विनोद के मनोविज्ञान पर पहले आए अध्ययनों का विरोधाभासी है.

दरअसल, अब तक कई सारे अध्ययनों में यह कहा गया था कि खुद पर चुटकले कहना लोगों के बीच नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभावों से विशेष रूप से संबद्ध है जो हमेशा ही इस शैली का इस्तेमाल करते हैं. स्पेन के ग्रनादा यूनिवर्सिटी के जॉर्ज टोर मरीन ने बताया, ‘खुद पर चुटकले कहने की कहीं अधिक प्रवृत्ति मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के आयाम जैसे- खुशी और सामाजिकता के अच्छा होने का संकेत है. हमारा मानना है कि इस तरह के हास्य के इस्तेमाल में संभावित सांस्कृतिक अंतरों को लक्षित नये अध्ययन करना जरूरी है.’

मरीन आगे कहते हैं, ‘इस अध्ययन के नतीजे अविरोधी हैं जो बताते हैं कि हमारे देश में खुद पर हंसना पारंपरिक रूप से सकारात्मक संकेत का उत्तरदायी है.हालांकि अध्ययन के नतीजे इस बात की ओर भी इशारे करते हैं कि खुद पर हंसने को लेकर की गई रिसर्च कहां पर हुई है, इसको लेकर भी नतीजे में बदलाव हो सकता है.’ दरअसल, खुद पर चुटकुले कहना गुस्से को दबाने की व्यापक प्रवृत्ति माना जाता है.