एमबीबीएस फ़ीस का श्रेय लूटने की मची होड़

खबरें अभी तक। एमबीबीएस फ़ीस वृद्धि के बाद देश भर में सरकार की किरकिरी होने के बाद एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज ने फ़ीस वृद्धि तो वापस ले ली, लेकिन अब इसका श्रेय लूटने की होड़ मच गई है. एसजीआरआर प्रबंधन ने इसे अपना फ़ैसला बताया है. वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने छात्र हित में यह निर्णय करवाया है. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह भी अब इस विवाद में कूद गए हैं.

राज्य के उच्च शिक्षा विभाग फ़ीस निर्धारण के लिए ज़िम्मेदार विभाग होता है. राज्य में उच्च शिक्षा की ज़िम्मेदारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत के पास है. शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री का बयान आने के बाद धन सिंह रावत भी इस मुद्दे पर बोले.

धन सिंह रावत ने फ़ीस वृद्धि के पूरे प्रकरण के लिए एजीआरआर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को दोषी ठहराते हुए कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए थी. धन सिंह रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि फ़ीस कमेटी फ़ीस का निर्धारण करेगी. हालांकि यह आदेश में निजी विश्वविद्यालयों को लेकर स्पष्ट नहीं था.

धनसिंह ने कहा कि निजी विश्ववविद्यालयों को फ़ीस वृद्धि से पहले सरकार से पूछना चाहिए था और छात्रों, अभिभावकों से भी बात करने किसी निर्णय पर पहुंचना चाहिए था. धन सिंह रावत ने कहा कि अगर छात्र, अभिभावक उनके पास आते हैं तो वह विश्वविद्यालय के ख़िलाफ़ जांच बैठा सकते हैं.

धन सिंह रावत बेहद चालाकी से इस बात पर ख़ामोश रह जाते हैं कि कैबिनेट ने ही बीते हफ़्ते यह फ़ैसला किया था कि निजी विश्वविद्यालय फ़ीस बढ़ा सकते हैं. वह इस बात पर भी कोई चर्चा नहीं करते कि मुख्यमंत्री दो दिन तक इस फ़ीस वृद्धि का समर्थन करते रहे.