तेंदुए की खाल,मांस और हड्डियां मिलने के मामले में आया नया मोड़

खबरें अभी तक। राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज के दूधली बीट में 22 मार्च को तेंदुए की खाल, मांस और हड्डियां मिलने के मामले में नया मोड़ आ गया है. शुक्रवार को मामले में एक गिरफ्तारी  होने के बाद पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पूरा मामला सिर्फ वाहवाही लूटने के मकसद से रचा गया था. इस मामले में देहरादून वन प्रभाग के एक डिप्टी रेंजर भी जांच के दायरे में आ गया है.

बाईस मार्च को राजाजी की दूधली बीट में तेंदुए की खाल, मांस, हड्डियां ज़मीन में दबी मिली थीं. इस मामले में पार्क प्रशासन ने शुक्रवार को रायवाला से पहली गिरप्तारी की. गिरप्तार शख्स ने कई चौंकाने वाले राज़ खोले हैं. इस पूरे प्रकरण में देहरादून वन प्रभाग के एक डिप्टी रेंजर की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. बिना चार्ज के चल रहे इस डिप्टी रेंजर पर खुद के नंबर बढ़ाने के लिए पूरा गेम प्लान करने का आरोप है.

गिरफ़्तार आरोपी अमित कुमार वाइल्ड लाइफ एक्ट में हाल ही में जेल से जमानत पर छूटा है. आरोप है कि देहरादून वन प्रभाग के एक डिप्टी रेंजर ने अमित कुमार से संपर्क साधा. फिर अमित कुमार ने सपेरा बस्ती के पांच युवकों से डिप्टी रेंजर की मुलाकात कराई. डिप्टी रेंजर ने बस्ती के इन पांच युवकों की मदद से पूरा षडयंत्र रचा. फिलहाल, सपेरा बस्ती के पांचों युवक परिवार सहित फरार हैं.

तेदुंए के अंग बरामदगी की यह घटना शुरू से ही संदेह के घेरे में थी. वन विभाग की जिस टीम ने पार्क के भीतर इस कथित ऑपरेशन को अंजाम दिया, उस टीम में पार्क के एक कर्मचारी तक को शामिल नहीं किया गया.

एक सोची समझी साजिश के तहत ऑपरेशन से ठीक पहले राजाजी की ही मोतीचूर रेंज में भीषण आग लगने की झूठी ख़बर दे दी गई थी,  जिससे पूरे पार्क के कर्मचारी आनन-फानन में मोतीचूर रेंज पहुंच गए.

पार्क के कर्मचारियों के जाते ही साजिशकर्ताओं का रास्ता भी साफ हो गया. अब पार्क प्रशासन की पूरी कोशिश है कि पांचों सपेरों की गिरफ़्तारी की जा सके ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो पाए.