निरालाधाम में चलती है ईश्वरीय सत्ता, 108 बार राम नाम लिखने पर ही मिलता है प्रवेश

मप्र के इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में स्थित आस्था केंद्र निरालाधाम कई वजह से निराला है। अन्य मंदिरों की तरह यहां भी सात पदाधिकारी हैं और 11 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति है, लेकिन कोई मनुष्य नहीं है। हर जिम्मेदारी किसी न किसी देवी-देवता के पास है। अध्यक्ष की जिम्मेदारी अंजनी पुत्र हनुमान और संरक्षक की भूमिका कौशल्यानंदन भगवान श्रीराम संभालते हैं।

इस तरह 11 हजार वर्गफीट में बने निरालाधाम में ईश्वरीय सत्ता चलती है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए भक्तों को प्रसाद और चढ़ावा नहीं लाना पड़ता, बल्कि 108 बार राम नाम लिखने की शर्त है। इस मंदिर में एक भी दानपेटी नहीं है और ना ही किसी को भगवान को अगरबत्ती लगे जाता है। यहां जो अत है उन्हें अपने जीवन मेर मुक्ति की तलाश रहती है। यहाँ किसी भी तरह की मोह माया वाली चीजे नहीं की जाती।

अन्य पदाधिकारियों में सचिव भोलेनाथ, कोषाध्यक्ष कुबेर, सुरक्षा अधिकारी यमराज, लेखा-जोखा अधिकारी चित्रगुप्त, वास्तुविद् भगवान विश्वकर्मा हैं। कार्यकारिणी सदस्य भगवान दत्तात्रेय, लक्ष्मीनारायण, भरत, शत्रुघ्न, पार्वती, माता काली, लक्ष्मण, पा‌र्श्वनाथ, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, भगवान सत्यनारायण हैं। मंदिर का निर्माण 1990 में कनाडि़या रोड स्थित वैभव नगर में शुरू हुआ जो आज भी जारी है। संचालक प्रकाशचंद वागरेचा की आस्था है कि यहां जो भी कार्य हो रहा है वह हनुमानजी करा रहे हैं।