कृषि भूमि सिमटी, आवासीय भवनों की संख्या बढ़ी

खबरें अभी तक। लोहरियासाल तल्ला में बढ़ते आवासीय भवनों से कृषि भूमि सिमटती जा रही है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार क्षेत्र की कुल आबादी 4044 है, लेकिन जमीनी हालात बताते हैं कि पिछले पांच-छह सालों में गांव में आबादी का ग्राफ बढ़ा है। कालाढूंगी मार्ग के किनारे बसे इस गांव में पशुपालन और कृषि कार्य में कमी आई है। अधिकांश आवासीय कालोनियों में संपर्क मार्ग संकरे हैं, जिन पर भारी वाहनों का प्रवेश संभव नहीं है। नगर निगम में सम्मिलित किए जाने वाले गांव में लोहरियासाल तल्ला का नाम भी शामिल है। अनियोजित तरीके से बनी आवासीय कॉलोनियों में कचरा निस्तारण की पर्याप्त व्यस्था नहीं है। लोगों को अपने स्तर से ही कचरे का निस्तारण करना पड़ता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और सीवर लाइन नहीं होने के कारण भवन स्वामियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मानें तो गांव में अब आवासीय भवनों के लिए जगह सीमित होती जा रही है। सड़क के किनारे ही अब अधिकांश कृषि भूमि बची है। इनमें से भी ज्यादातर भूमि बिकी हुई है। गांव में कच्चे मकान ना के बराबर हैं, जबकि दोमंजिला भवनों की संख्या बढ़ती जा रही है. ग्राम सभा=लोहरियासाल तल्ला क्षेत्रफल= 100.687 हेक्टेयर जनसंख्या= 4044 कृषि भूमि= 37 प्रतिशत  निगम में शामिल करने का आधार कृषि भूमि में कमी आने के साथ ही लोहरियासाल तल्ला आवासीय क्षेत्र में विकसित होता जा रहा है। मानकों के अनुसार गांव में 72 प्रतिशत लोग कृषि कार्य नहीं कर रहे हैं। साथ ही प्रति किलोमीटर आबादी का घनत्व बढ़ता जा रहा है। क्या मिलेगी सुविधा नगर निगम के माध्यम से शहरी विकास मंत्रालय की अमृत योजना से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवर ट्रीटमेंट, स्वच्छता, कूड़ेदान, कूड़ा कलेक्शन सेंटर सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही स्ट्रीट लाइट और संपर्क मार्गों का विस्तार किया जा सकेगा। अनियोजित भवन निर्माण के स्थान पर नियोजित विकास होगा।