अचानक सीलिंग से लोगों की रोजी रोटी नहीं बंद चाहिए : दिल्ली सरकार

खबरें अभी तक। दिल्ली सरकार ने राजधानी वासियों को सीलिंग से निजात दिलाने वाले दिल्ली मास्टर प्लान में संशोधन का सुप्रीम कोर्ट में समर्थन किया है। सरकार ने कहा है कि समस्या के मानवीय पक्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता। संविधान में लोगों को भोजन और जीवन का मौलिक अधिकार मिला है और दिल्ली सरकार समाज के हर वर्ग विशेष कर कमजोर वर्ग के अधिकार की रक्षा को प्रतिबद्ध है। मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन तय प्रक्रिया के मुताबिक किये गये हैं और पूरी तरह वैध हैं, कोर्ट को उस पर रोक नहीं लगानी चाहिए। सरकार ने कहा है कि इससे मिलने वाली राहत लोगों तक पहुंचनी चाहिए। लोगों की रोजी रोजी रोटी अचानक सीलिंग से नहीं रुकनी चाहिए।

दिल्ली सरकार ने ये बातें मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधनों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कही हैं। कोर्ट इस पर 2 अप्रैल को सुनवाई करेगा। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में नौ मुद्दों पर दिल्ली सरकार, डीडीए, और एमसीडी से जवाब मांगा था।

 दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के विशेष सचिव एसएस गिल की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली की जनसंख्या 1 करोड़ 75 लाख से भी ज्यादा है। पिछले 50 सालों में यहां ज्यादातर अनियोजित विकास हुआ। जिसमें बहुत सी अवैध कालोनी और झुग्गी बस्तियां पनपी हैं, जो कि गरीबों का आश्रय स्थल हैं। दिल्ली में प्रतिवर्ष करीब एक लाख लोग आते हैं। बहुत से सेवानिवृत होने के बाद यहीं बस जाते हैं। इसके अलावा प्रतिवर्ष 3 लाख लोग जनसंख्या वृद्धि से बढ़ते हैं। यहां जनसंख्या घनत्व 11320 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है। जो कि बहुत ज्यादा है। इसलिए दिल्ली और यहां के लोगों की समस्या बहुत बड़ी और कई तरह की हैं।