राहुल गांधी को कानूनी पचड़ों में फंसा सकते है विवादित भाषण, तीन स्थानों से आया नोटिस

खबरें अभी तक। चुनाव का वक्त बेहद करीब आ चुका है जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों में रैली करने की होड़ सी लग गई है. इसी रैली के दौरान राहुल के कुछ भाषणों से शहर वासियों ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने विवादित भाषण की वजह से कानूनी घेरे में आ सकते है.

झारखंड के तीन अलग-अलग शहरों से उन्हें तीन कानूनी नोटिस भेजे गए हैं। इसमें बीते 18 मार्च को दिल्ली में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में राहुल गांधी के उस वक्तव्य पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर टिप्पणी की थी कि वे (भाजपा) एक हत्या के आरोपी को अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता. राहुल के इस बयान ने ही तूल पकड़ा और उन्हे नोटिस भेज दिया गया।

तीनों नोटिस के जरिए ये बताया गया है कि महाधिवेशन में राहुल गांधी के वक्तव्य से उन्हें गहरा आघात लगा है। कानूनी नोटिस भेजने वालों में से दो लोगों ने 10-10 करोड़ रुपये बतौर हर्जाना भी मांगा है और कहा कि यह मानहानि के साथ-साथ भाजपा की छवि को धूमिल करने का प्रयास है जिसके चलते हमें ये कदम उठाने पड़े. उनका कहना है कि राहुल गांधी का बयान विभिन्न समाचार माध्यमों समेत सोशल मीडिया में भी प्रसारित हुआ जिससे वे आहत महसूस कर रहे हैं। नोटिस में यह भी जिक्र है कि अगर राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर अपने वक्तव्य के लिए माफी नहीं मांगी तो वह कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।

इन तीन जगहों से आया नोटिस-

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को रांची के हरमू हाउसिंग कॉलोनी निवासी नवीन झा, धनबाद के करकेंद बाजार निवासी आनंद खंडेलवाल और चाईबासा के छोटा नीमडीह निवासी प्रताप कुमार ने अलग-अलग कानूनी नोटिस अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से भेजे हैं। तीनों भाजपा के समर्थक हैं।