अब डाक्टरी की पढ़ाई छोड़ने पर लगेगा 30 लाख का जुर्माना

खबरें अभी तक। डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए छात्र सपने बुनते है और उसे पूरा करने के लिए दाखिला भी लेते है इनके सपनों को पूरा करने में सरकार भी इनकी मदद करती है, लेकिन कई डॉक्टर पढ़ाई पूरी करने के बाद अनिवार्य सेवा की शर्त को ठुकराकर दूसरे राज्यों में चले जाते हैं. पहले एक वर्ष की अनिवार्य सेवा का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है. इसके बावजूद डॉक्टर टिक नहीं रहे हैं और इससे सरकार को लगातार नुकसान हो रहा है. राज्य में ऐसा करने पर जुर्माना का प्रावधान भी है लेकिन प्रशिक्षित डॉक्टर जुर्माना राशि कम होने की वजह से बड़ी आसानी से जुर्माना अदा कर निकल जाते हैं.

अंडर ग्रेजुएट की पढ़ाई छोड़कर जाने की स्थिति में 20 लाख रुपये तो पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई छोड़कर जाने की स्थिति में 30 लाख रुपये जुर्माना अदा करने का बांड अब डॉक्टर नामांकन के साथ ही भरेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेजा है जिसे मामूली संशोधन के साथ वित्त विभाग से भी हरी झंडी मिल गई है. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान से अब तक 70 छात्र निर्धारित तीन वर्ष अनिवार्य सेवा शर्त की अनदेखी कर निकल चुके हैं. इन छात्रों ने नियमानुसार 2.8 करोड़ रुपये हर्जाना भी अदा कर दिया है.

एमजीएम, जमशेदपुर से भी दो छात्र 3.94 लाख रुपये जुर्माना चुकाकर निकल चुके हैं. राज्य में तीन और मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहे हैं और ऐसे में पढ़ाई के बाद डॉक्टर यहां बने रहें, इसे सुनिश्चित करने के लिए कड़ाई की जा रही है. दूसरे राज्यों में भी इस तरह के प्रावधान हैं और कर्नाटक में 25 एवं 50 लाख रुपये जुर्माना लेने का प्रावधान है.