‘प्रोजेक्ट धूप’ के तहत स्कूलों ने किया असेम्बली टाईम में बदलाव

खबरें अभी तक। भारत की गर्भवती महिलाओं और छोटे आयु के बच्चों में विटामिन डी की काफी कमी पाई गई है, खासकर स्कूली छात्र छात्राओं में। इस विटामिन की कमी दोनों के स्वास्थ्य और विकास के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है. इसी समस्या को ध्यान में रखकर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक (एफएसएसएआई) ने एनसीईआरटी, एनडीएमसी, उत्तरी एमसीडी और क्वालिटी लि. के साथ मिलकर स्कूलों में सुबह की असेम्बली को 11: 00 बजे से 1: 00 बजे करने का आग्रह करते हुए एक अनूठी पहल ‘प्रोजेक्ट धूप’ की शुरुआत की है.

विटामिन डी मुख्य रूप से सूर्य के प्रकाश से प्राप्त होता है, जिसके बिना कमी की संभावना होती है. कोलेस्ट्रॉलिन पर सूर्य का प्रकाश यकृत और गुर्दे में अतिरिक्त रूपांतरणों के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल को विटामिन डी में बदल देती है.

भारत के अधिकांश हिस्सों में लोगों को पूरे वर्ष तक प्रचुर मात्रा में धूप मिलती है.रीसर्च से पता चला है कि, 90 प्रतिशत फीसदी लड़कों और लड़कियों में विटामिन डी की कमी है. अकेले दिल्ली में, 90 से 97 प्रतिशत स्कूली बच्चों (6-17 वर्ष आयु वर्ग के) में विटामिन डी की कमी होती है.

प्रोजेक्ट धूप की शुरुआत करते हुए एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने कहा, “वास्तिविकता यह है कि ज्यादातर बच्चे भारत में विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं, इसके बावजूद हम में से अधिकतर इसके गंभीर परिणामों से अवगत नहीं हैं.”
उन्होंने बताया कि पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थ व्यवहार या खाने के पैटर्न में किसी भी परिवर्तन किए बिना सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए एक सरल और आसान तरीका इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि दोनों पोषक तत्वों वाले दूध और खाद्य तेल अब पूरे देश में आसानी से उपलब्ध हैं.

वास्तव में 11 बजे सुबह से एक बजे दोपहर तक की धूप है जो कि मानव शरीर में विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने में सबसे अधिक फायदेमंद है. इसलिए, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि बच्चों को मजबूत हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए धूप से अवगत कराया जाए.”