झारखंड में शौचालय का निर्माण निकला फर्जी

खबरे अभी तक। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने झारखंड सहित देश के छह राज्यों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया था. हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक इन राज्यों ने महज तीन साल के भीतर शहरी क्षेत्रो में ODF का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है,

इस बात की सच्चाई की जांच झारखंड के कुछ बड़े शहरों से करते हैं जो शौच मुक्त घोषित (ODF) किए गए हैं.

सरकार के दावों की मानें तो शहर के हर घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है, लेकिन बानगी के तौर पर झारखंड राजधानी रांची के वार्ड संख्या 53 का नायकटोली मोहल्ले का हाल भी बहुत खराब है और यहां से झारखंड विधानसभा से इसकी दूरी महज 5 किलोमीटर और राज्य सचिवालय जहां बड़े नौकरशाह बैठते हैं वहां से इसकी दूरी लगभग 3 किलोमीटर है. लेकिन यहां की हालत बेहद खराब है.

अब सरकार के दावों की मानें तो यहां सभी के घर में शौचालय है. कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करता, लेकिन इस दावे की हकीकत यहां आने पर मिलती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि हमारे इलाके में शौचालय का निर्माण शुरू तो जरूर हुआ, लेकिन शौचालयों का निर्माण ठेकेदरों को सौंप दिया गया. जो आधा-अधूरा काम कर शहर से निकल गए. जिसके वजह से आधे से अधिक शौचालय अधूरे पड़े हैं. ऐसे में यहां के अधिकांश लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं.

हर शौचालय के निर्माण के लिए सरकार की तरफ से 12 हजार की अनुदान राशि दी जाती है, लेकिन लोगों का आरोप है कि इसमें अधिकतर ठेकेदारों ने अपनी जेबें गर्म कीं, लेकिन यहां भी पानी की कमी और आधे-अधूरे निर्माण की वजह से ये बंद पड़े हैं.