तो इस बार हिन्दी में भाषण दे सकते है मोदी

खबरें अभी तक।वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार अपने बजट भाषण को हिंदी में रख सकते हैं. अगर उन्होंने ऐसा किया तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शेकदम पर चलते नजर आएंगे और ऐसा करने वाले देश के पहले वित्त मंत्री भी होंगे. वित्त मंत्री जेटली के पास अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों और आठ राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले आ रहे इस बजट को लोकलुभावन बनाने की चुनौती भी है.

वित्त मंत्री से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर बड़े आयोजनों और समारोह में हिंदी में भाषण देने को प्राथमिकता देते रहे हैं. वह अक्सर विदेशी मंचों पर भी ऐसा करते नजर आते हैं. बताया जा रहा है कि जेटली अपने भाषण को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पेश कर सकते हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेटली इस बार हिंदी में बजट पेश कर सकते हैं. आजाद भारत के इतिहास में अब तक सभी वित्त मंत्रियों ने अंग्रेजी में बजट पेश किए हैं. अगर जेटली हिंदी में बजट पेश करेंगे तो वह देश के पहले वित्त मंत्री होंगे जिन्होंने अपना बजट भाषण हिंदी में पेश किया.

इस बार के बजट को आगामी लोकसभा चुनावों के साथ ही आठ राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए भी अहम माना जा रहा है. मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा, कर्नाटक और मिजोरम के अलावा हिंदी भाषी प्रदेशों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं. आखिरी तीन राज्य बीजेपी के लिए काफी अहम हैं. इन राज्यों के मतदाताओं तक आसानी से अपनी बात पहुंचाने के लिए अरुण जेटली हिंदी में अपनी बात रख सकते हैं.

 

सूत्र बताते हैं कि जेटली के हिंदी में भाषण देने के पीछे की रणनीति यह भी है कि आम लोग भी बजट के प्रति रुचि लें, खासकर ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोग. वर्तमान मोदी सरकार का यह अंतिम पूर्ण बजट है और इसके जरिए सरकार आम चुनाव से पहले लोगों को लुभाने की कोशिश करेगी. बजट में कृषि एक बेहद अहम हिस्सा होता है और इस बार इस सेक्टर को विशेष तरजीह मिल सकती है. साथ ही जेटली अगर हिंदी में बजट पेश करते हैं तो आम आदमी भी इसके प्रति रुचि रखेगा, खासकर किसान समुदाय बजट को लेकर अपनी दिलचस्पी बढ़ा सकता है.

वित्त मंत्री जेटली अपने पिछले चार बजट भाषणों के बीच-बीच में कई बार हिंदी में बोलते नजर आए हैं. अपने पिछले लगातार चार बजट में वह हिंदी में कई शायरी भी पढ़ चुके हैं. इन शायरियों पर उन्हें संसद में तालियां और संसद के बाहर खूब चर्चाएं मिली हैं. इस बार भी वह ऐसा करते हैं तो उन्हें तालियां मिलेंगी.