खबरें अभी तक।केंद्र सरकार का आखिरी बजट पेश हो गया है.नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट को वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में पेश कर रहे हैं. किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुणा करने का फैसला किया गया है. जेटली के इस पांचवें बजट से पूरे देश की उम्मीदें बंधी हैं.
इस बजट के जरिए जहां सरकार की कोशिश देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी के लिए तैयार करने की होगी वहीं कोशिश यह भी की जाएगी कि देश में रोजगार को बढ़ाने के लिए प्रावधान किए जाएं.
इसके साथ ही बीते एक साल के दौरान जिस तरह नोटबंदी और जीएसटी का दबाव अर्थव्यवस्था पर पड़ा और अब अर्थव्यवस्था इन बड़े आर्थिक सुधारों के झटके से बाहर निकलते के संकेत दे रही है तो जरूरत है कि एक बार फिर सभी अहम सेक्टर्स को तेज रफ्तार के हालात पैदा किए जाएं.
बीते दिनों जिस तरह से विश्व बैंक की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की रेटिंग में भारत की स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिला है इस बजट से केन्द्र सरकार वैश्विक निवेशकों को लुभाने के लिए बड़े फैसले करे.
वित्त मंत्री अब से कुछ ही देर में संसद के पटल पर अपना बजट रखेंगे और अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू करेंगे.
इस साल वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट की एक खास बात यह भी है कि वह बजट के कुछ प्रमुख अंशों को हिंदी में भी पढ़ने जा रहे हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है. देश की अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार के दौर से बाहर निकल चुकी है. जीएसटी के सुधार से देश में कारोबार को नई रफ्तार मिली है. नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगा है. मौजूदा सरकार के कार्यकाल में आर्थिक सुधारों से अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार के दौर में है.
भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत जल्दी पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है. देश की जीडीपी विकास दर साफ कर चुकी है कि देश तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण ने भी साफ कर दिया है कि देश 8 फीसदी से अधिक ग्रोथ के लिए तैयार है.
केन्द्र सरकार ऐसी आर्थिक स्थिति में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अपने संकल्प पर काम कर रही है. देश में कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है. फल और सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. किसानों को उनकी लागत से 50 फीसदी से अधिक कमाई हो यह सरकार की कोशिश रही है. रबी फसल से किसानों की अच्छी कमाई तय की जा चुकी है. केन्द्र सरकार के सिद्धांत के अनुसार खरीफ फसल की एमएसपी को दोगुना करने करने का फैसला किया है. इससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी.
केन्द्र सरकार ने ऑर्गैनिक फार्मिंग को प्रमोट करने में बड़ा कदम उठाया है. टमाटर, प्याज और आलू ने किसानों को पिछले दिनों में बहुत परेशान किया है. लिहाजा केन्द्र सरकार ने 5000 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट के जरिए किसानों को इस परेशानी से बचाने का उपाय किया है..
गरीब और मध्यम वर्ग के लिए केस स्टडी नहीं बल्कि वह खुद ही केस रहे हैं. गरीब हमेशा से सरकारों की नीतियों के केन्द्र में रहा है. सरकार उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी दी जाएगी.
गरीब को सिर्फ ईमानदारी की कमाई से एक छोटा सा घर चाहिए. केन्द्र सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2022 तक सभी गरीबों के लिए एक घर हो. इसके लिए केन्द्र सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं. केन्द्र सरकार एक खास फंड स्थापित कर रहा है जिससे लोगों को घर खरीदने में मदद की जा सके. सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए लोन को बढ़ाया जाएगा.
सभी नागरिक को अपने आर्थिक सपने को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार ने पूरी तैयारी की है. दिव्यागों के साथ-साथ स्कूल जाने की उम्र वाले सभी बच्चों को स्कूल पहुंचाने की पुख्ता कोशिश की जा रही है. वहीं छात्रों के समग्र विकास के लिए शिक्षा में बड़े बदलाव हो रहे हैं.
टीचर्स की ट्रेनिंग के साथ देश में ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड को बढ़ावा दिया जा रहा है. नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूल बनाए जाएंगे.
फिलहाल 30 हजार रुपये का बीमा कवर दिया जाता है. अब सरकार हेल्थ केयर को नई उंचाई तक ले जाएगी. नैशनल हेल्थ मिशन में 10 करोड़ परिवारों को जीवन बीमा. इससे 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये प्रति वर्ष की सुविधा दी जाएगी. इसके बाद केन्द्र सरकार युनीवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में आगे बढ़ेंगी.
टीबी के मरीजों को मदद देने के लिए केन्द्र सरकार वित्तीय व्यवस्था कर रही है. यह सहायता टीबी के मरीजों को आधार के तहत दी जाएगी.
एमएमएमई सेक्टर को बड़ा पुश दिया जा रहा है. यह अर्थव्यवस्था का सबसे अहम ग्रोथ इंजन है. सेक्टर के लिए ऑनलाइन लोन की सुविधा पर बैंक काम कर रहे हैं. इस सेक्टर के गंदे कर्ज की सही करने की कोशिश हो रही है. इस क्षेत्र से देश में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होने की संभावना है.
मुद्रा स्कीम के तहत एमएसएमई को लोन की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए केन्द्र सरकार ने 3,794 करोड़ रुपये का बजटीय अनुदान किया है जिसे कैपिटल सपोर्ट और ब्याज सब्सिडी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
देश में 4 करोड़ गरीब परिवारों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए 16,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
इंफ्रा सेक्टर इकोनॉमी के लिए अहम ग्रोथ ड्राइवर है. रेल और रोड सेक्टर में बड़े पोस्ट प्राप्त किए गए हैं.
रेल नेटवर्क के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम तेज चल रहा है. इसके साथ ही रेलवे की मैन्यूफैक्चरिंग इकाई अपने टार्गेट को प्राप्त करने में सफल हैं. इसके अलावा रेल में टेक्नोलॉजी और रेलवे सुरक्षा की दिशा में अगले दो साल बड़े काम किए जाएंगे.
20, 000 लोगों से ज्यादा की प्रतिदिन भीड़ वाले रेलवे स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे. मुंबई की लोकल ट्रेन को और मजबूत किया जाएगा. वहीं 40 हजार करोड़ की लागत से मुंबई लोकल के कवरेज को बढ़ाया जाएगा. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वडोदरा में इंस्टीट्य़ूट तैयार हो रहा है.
केन्द्र सरकार ने बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया है. पिछले साल 1.31 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
ग्लोबल इकोनॉमी तेजी से डिजिटल इकोनीमी की तरफ बढ़ रही है. इससे कदम मिलाते हुए नीति आयोग तैयारी कर रहा है.
एक लाख ग्राम पंचायत को इंटरनेट से जोड़ने का काम किया जा चुका है. अब केन्द्र सरकार 5 लाख हॉटस्पॉट लगाने की तैयारी में है जिससे 5 करोड़ लोगों को इंटरनेट सुविधा पहुंचाई जा सकती है.