50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य के लिए हर साल 5 लाख, ये हैं हेल्थ सेक्टर में अहम घोषणाएं

खबरें अभी तक।लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के आख़िरी पूर्ण बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री ने अहम घोषणाएं की. उन्होंने गरीब लोगों के लिए नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की घोषणा करते हुए 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये मदद की बात कही. जेटली ने बताया, हेल्थ और वेलनेस के लिए केंद्र सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपये का फंड सुनिश्चित किया है. इन तमाम पहल से मोदी सरकार के न्यू इंडिया का निर्माण होगा.

जेटली ने कहा, केवल स्वस्थ भारत ही समृद्ध भारत हो सकता है. आयुष्मान भारत प्रोग्राम में हम 2017 की हेल्थ पॉलिसी को मिशन के रूप में स्वीकार कर रहे हैं. भारत आयुष्मान प्रोग्राम के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में 1.5 लाख हेल्थ, वेलनेस सेंटर्स या कम्युनिटी हेल्थकेयर सेंटर खोले जाएंगे. जो छूत और संक्रामक जैसे रोगों का उपचार होगा.

कहा, विशेष रूप से हम कोशिश करेंगे कि इन केन्द्रों में लोगों को दवाइयां भी मुफ्त मिल सकें. हेल्थ प्रोटेक्शन प्रोग्राम के लिए प्राइवेट सेक्टर से भी सहयोग की उम्मीद करते हैं. सरकार गरीबों के स्वास्थ्य के लिए चिंतित है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के तहत 30 हजार रुपये दिए जाते हैं. कुछ राज्य सरकारों ने भी इसके लिए पहल की है. मेरी सरकार चाहती है कि हेल्थ प्रोटेक्शन लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप हो. हम 10 करोड़ लोगों तक इसे पहुंचाएंगे. हम इसके लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये की सहायता देंगे. जेटली ने कहा, ये दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ प्रोटेक्शन कार्यक्रम होगा.

जेटली ने कहा, 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की सुविधा सरकार उपलब्ध कराएगी. फिलहाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सरकार की और से 30 हजार रुपये दिए जाते हैं. आयुष्मान भारत प्रोग्राम के तहत इसके जरिए नए इंडिया का निर्माण होगा.

जेटली ने कहा, टीबी एक छूत का रोग है. मेरी सरकार ने फैसला किया है कि इसके लिए सहायता राशि के आवंटन को बढ़ाया जाएगा. पीड़ितों को 500 रुपये दिया जाएगा. 20 नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे. जिला अस्पतालों का दर्जा बढाया जाएगा. हर संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज हम सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे. हम ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच को मुक्त करना चाहते हैं.

प्रधानमंत्री जीवन बीमा के तहत 2 लाख का लाइफ इंश्योरेंस मिलेगा. 13 हजार करोड़ लोगों को इसमें लाया जा चुका है. दो लाख लोगों का बीमा हो चुका है. सरकार ये चाहती है अनुसूचित जाति जनजाति के ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें लाए जा सकें.