खबरें अभी तक. फिल्म ‘पैडमैन’ भले ही बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट के फार्मूले पर खरी नहीं उतरी हो लेकिन इसने भारतीय समाज में एक क्रांति जरूर ला दी है। आज हर कोई महिला-पुरुष, उंच-नीच, अमीर-गरीब के भेदभाव से उपर उठकर इस मुद्दे पर खुलकर विचार कर रहा है। इस विषय पर कितनी समाजसेवा की कहानियां जानें अब तक दब चुकी थीं लेकिन अब धीरे-धीरे वे सामने आ रहे हैं। सूरत के ‘पैड कपल’ की कहानी कुछ इस तरह की ही है। यहां इन्हें पैड कपल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मीना मेहता और अतुल मेहता (मैरिड कपल) मिलकर इस दिशा में पिछले पांच सालों से एक सराहनीय काम कर रहे हैं।
गुजरात के सूरत के रहने वाले पैड कपल मीना और अतुल मेहता हर महीने जरुरतमंद महिलाओं और लड़कियों को 5000 पैड्स का वितरण करते हैं। वे कुछ दिनों और कुछ महीनों से नहीं बल्कि पिछले 5 सालों से ऐसा करते आ रहे हैं। वैसी महिलाएं और लड़कियां जो पैसों के अभाव में सैनिटरी पैड्स खरीदने में सक्षम नहीं हैं उनके लिए ये कपल वरदान साबित हुए हैं। मेहता कपल हर महीने स्लम्स, निगम स्कूलों और आंगनवाड़ी में काम करने और पढ़ने वाली लड़कियों के बीच सैनिटरी पैड्स बांटने का काम करते हैं।