पर्यटकों ने लिया बर्फबारी का मजा, जाम से हुई परेशानी

खबरें अभी तक। राजधानी से लगभग 20 किलोमीटर दूर कुफरी में पर्यटकों ने सोमवार को बर्फबारी का खूब मजा लिया। हालांकि रास्ते में ढली से छराबड़ा व छराबड़ा से कुफरी के बीच लंबे जाम में फंसने के कारण उन्हें परेशानी भी उठानी पड़ी। देश-विदेश खासकर पंजाब, दिल्ली व हरियाणा से बड़ी संख्या में पहुंचे सैलानियों ने कुफरी में एक-दूसरे पर बर्फ फेंक कर खूब मस्ती की। बर्फबारी में नवविवाहित जोड़ों व बच्चों की अठखेलियां तो देखते ही बनती थी। पति तजिंदर सिंह के साथ पानीपत से कुफरी आई नवविवाहिता कुलवंत कौर ने कहा कि मैंने पहली बार बर्फबारी देखी है, मुझे बेहद अच्छा लगा।

सैकड़ों की संख्या में कुफरी पहुंचे पर्यटकों ने घुड़सवारी का भी आनंद उठाया। हालांकि घोड़ों के रूट वाली जगह पर कीचड़ मिली और घोड़ों की लीद से उठ रही बदबू से पर्यटक खासे परेशान दिखे। इसके अलावा बहुत से पर्यटक खासतौर पर बच्चे स्कीइंग व ट्यूब स्कीइंग का लुत्फ उठाते भी देखे गए। इससे पहले रास्ते में ढली से छराबड़ा व छराबड़ा से कुफरी के बीच लंबे जाम में फंसने के कारण उन्हें परेशानी भी उठानी पड़ी। बसों व कारों की लंबी कतारें जाम में लंबे समय तक फंसी रहीं।
उधर, शिमला के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जीएस नेगी ने दावा किया कि बर्फबारी के कारण लगे जाम को ज्यादातर मार्गों पर खुलवा यातायात को सुचारू कर दिया गया है। कुछ बंद पड़े मार्गों को खुलवाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी उपमंडलाधिकारियों को रास्ते खुलवाने व पर्यटकों को कोई परेशानी न होने
संबंधी निर्देश दिया गया है। पुलिस व पर्यटन विभाग को भी सैलानियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश देने की बात भी उन्होंने कही।
कसौली व चायल में बर्फबारी के बाद लगा पर्यटकों का तांता
जिला में सोमवार रात को हुई बर्फबारी व बारिश से किसानों व व्यवसायियों के चेहरे खिल गए हैं। सोलन जिला के प्रसिद्ध पर्यटन नगरी कसौली, चायल, करोल, बड़ोग व अर्की के पर्यटन स्थल बाडीधार में बर्फबारी से पर्यटन स्थलों में रौनक आ गई है। कसौली में सुबह हुई बर्फबारी से पहाडिय़ों व सड़कों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। बर्फबारी के बाद पर्यटकों का जमावड़ा लग गया, जिससे पर्यटन व्यवसाय में भी चमक आ गई। कसौली में एक से डेढ़ इंच के करीब बर्फबारी हुई। वहीं, जिला के अधिकांश क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि भी हुई। लोगों के अनुसार बारिश-बर्फबारी फसलों समेत फलदार पौधों के लिए फायदेमंद साबित होगी। वहीं, सूखने की कगार पर पहुंचे प्राकृतिक जलस्रोतों में भी पानी का स्तर बढ़ेगा।