हनी ट्रैप के जाल में फंसा एक और अधिकारी, मिलिट्री इंटेलिजेंस कर रही है जांच

खबरें अभी तक। हनी ट्रैप मामले में एक बड़े अभियान के तहत सोमवार रात मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में सेना बेस मुख्यालय में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल के रैंक के एक अधिकारी के परिसर में छापेमारी की। खुफिया एजेंसी को संदेह है कि यह अधिकारी पाकिस्तान इंटर सर्विस के हनी ट्रैप के जाल में फंस गया है।

पूरे ऑपरेशन पर अधिकारियों ने कड़ी निगरानी रखी हुई है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अधिकारी आर्मी बेस वर्कशाप पर तैनात है। उसके खाते से एक बड़ी राशि का लेन-देन किया गया था, जिसके बाद से वह मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर है। फिलहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी की हनी ट्रैप या भ्रष्टाचार मामले में जांच की जा रही है।

 मामले की जांच लखनऊ कमांड मुख्यालय के अधिकारी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अधिकारी से सेना के केंद्रीय कमांड मुख्यालय में कुछ घंटें पूछताछ की गई और फिर जांच के लखनऊ ले जाया गया। अधिकारी के कार्यालय से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी एकत्र किए गए हैं।
हनी ट्रेप मामले में IAF के ग्रुप कैप्टन गिरफ्तार-
बता दें कि पिछले सप्ताह आठ फरवरी को जासूसी के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उस पर गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अरुण मारवाह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
‘लड़की’ बनकर ISI का एक एजेंट अरुण मारवाह से करता था बात-
सूत्रों के अनुसार कुछ माह पहले आइएसआइ के एक एजेंट ने लड़की बनकर अरुण मारवाह से संपर्क किया था। इसके बाद दोनों में फोन पर लगातार चैटिंग होने लगी। दोनों एक दूसरे को अश्लील मैसेज भेजते थे। लड़की के रूप में पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद आइएसआइ एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेज की मांग की। आरोप है कि उन्होंने कुछ गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया करा दिए।