आखिर क्यों सीरिया में हो रहा है विवाद, यहां जानिए पूरी कहानी

खबरें अभी तक। इस गृहयुद्ध में पूरा देश तबाह हो गया है और दुनिया के ताक़तवर देश भी आपस में उलझ गए हैं.

युद्ध कैसे शुरू हुआ?

संघर्ष शुरू होने से पहले ज़्यादातर सीरियाई नागरिकों के बीच भारी बेरोज़गारी, व्यापक भ्रष्टाचार, राजनीतिक स्वतंत्रता का अभाव और राष्ट्रपति बशर अल-असद के दमन के ख़िलाफ़ निराशा थी.

बशर अल-असद ने 2000 में अपने पिता हाफेज़ अल असद की जगह ली थी. अरब के कई देशों में सत्ता के ख़िलाफ़ शुरू हुई बगावत से प्रेरित होकर मार्च 2011 में सीरिया के दक्षिणी शहर दाराआ में भी लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुआ था.

सीरिया

सीरिया की असद सरकार को यह असहमति रास नहीं आई और उसने आंदोलन को कुचलने के लिए क्रूरता दिखाई.

सरकार के बल प्रयोग के ख़िलाफ़ सीरिया में राष्ट्रीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया और लोगों ने बशर अल-असद से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी.

वक़्त के साथ आंदोलन लगातार तेज होता गया. विरोधियों ने हथियार उठा लिए. विरोधियों ने इन हथियारों से पहले अपनी रक्षा की और बाद में अपने इलाक़ों से सरकारी सुरक्षाबलों को निकालना शुरू किया.

असद ने इस विद्रोह को ‘विदेश समर्थित आतंकवाद’ करार दिया और इसे कुचलने का संकल्प लिया. उन्होंने फिर से देश में अपना नियंत्रण कायम करने की कवायद शुरू की. दूसरी तरफ विद्रोहियों का ग़ुस्सा थमा नहीं था.

वे भी आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे. इस वजह से दोनों पक्षों के बीच हिंसा लगातार बढ़ती गई.

गृह युद्ध जैसी स्थिति-

सीरिया

2012 आते आते सीरिया बुरी तरह से गृहयुद्ध में प्रवेश कर चुका था. सैकड़ों विद्रोही गुटों ने एक समानांतर व्यवस्था स्थापित कर ली ताकि सीरिया पर उनका नियंत्रण कायम हो सके.

इसका नतीजा यह हुआ कि यह लड़ाई असद और उनके विरोधियों से आगे निकल गई.

सीरिया की लड़ाई में क्षेत्रीय और दुनिया की ताक़तों की एंट्री हुई. इसमें ईरान, रूस, सऊदी अरब और अमरीकी का सीधा हस्तक्षेप सामने आया.

इन देशों ने असद और उनके विरोधियों को सैन्य, वित्तीय और राजनीतिक समर्थन देना शुरू किया.

सीरिया में कई देशों की एंट्री से युद्ध की स्थिति और गंभीर हो गई. सीरिया दुनिया का एक छद्म युद्ध मैदान बन गया.

शिया बनाम सुन्नी-

बाहरी देशों पर सीरिया में सांप्रदायिक दरार पैदा करने का भी आरोप लगा. सुन्नी बहुल सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद शिया हैं. इसी संघर्ष में शिया बनाम सुन्नी की भी स्थिति पैदा हुई.