सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए कैशलेस मेडिकल सर्विस स्कीम शुरू

खबरें अभी तक। कैप्टन अभिमन्यु का पिटारा खुल गया है। वित्त मंत्री ने सदन के समक्ष वर्ष 2018-19 के लिए राज्य बजट प्रस्तुत कर रहे हैं। कैप्टन अभिमन्यु ने 1 लाख 15 हजार 198.29 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो बीते वर्ष के बजट अनुमान से 12.6 और संशोधित बजट अनुमान से 14.4 फीसदी अधिक है। कैप्टन अभिमन्यु ने बजट शुरू करते हुए कहा कि खट्टर सरकार 15वें वित्त आयोग के गठन का स्वागत करते हैं।

बीजेपी सरकार के राज में हरियाणा रेटिंग में पहले नंबर पर आया है। हमने निवेशकों के हित सुरक्षित किए हैं। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि साल 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर सेवा का स्तर बढ़ा है। सरकार ने राजकोषीय नीति का विवेकपूर्ण प्रबंधन किया। देश भर में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति सर्वाधिक आय हरियाणा प्रदेश में रही। पूंजीगत व्यय 34 फीसदी बढ़ाने में सरकार सफल रही।

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि 2017-18 में सकल घरेलु उत्पाद में 9 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को 2020 तक शून्य करने का है। प्रदेश में सार्वजनिक उपक्रमों के घाटे में कमी आई है। अब 13 के मुकाबले घाटे के उपक्रम 8 रह गए हैं। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की शुरुआत की गई। कैशलेस मेडिक्लेम की व्यवस्था शुरू की गई। सरकारी विभागों में एक ही बैंक खाता रखने का प्रस्ताव हैं। आधार नामांकन के मामले में हरियाणा शीर्ष नंबर पर है।

 

LIVE UPDATE:– वर्ष 2017-18 के दौरान अग्रिम अनुमानों के अनुसार, हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद द्वारा 8.0 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की सम्भावना है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 6.6 प्रतिशत दर्ज की गई है।
– जीएसवीए के संयोजन ने सेवा क्षेत्र में ढांचागत परिवर्तन दर्शाया है,जोकि विकसित और परिपक्व अर्थव्यवस्था का संकेत है। स्थिर मूल्यों पर तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा वर्ष 2014-15 में 49.4 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 50.9 प्रतिशत हो गया।
– गत तीन वर्षों के दौरान द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा 31 से 32 प्रतिशत के आसपास अधिक या कम स्थिर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर, सेवा क्षेत्र का हिस्सा वर्ष 2014-15 के 52.4 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 54.2 प्रतिशत हो गया। प्राथमिक क्षेत्र का हिस्सा वर्ष 2014-15 के 19.5 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2017-18 में 18.0 प्रतिशत रह गया और इसी अवधि के दौरान, द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा 28.1 प्रतिशत से कम होकर 27.8 प्रतिशत रह गया।
– वर्ष 2016-17 में, वर्तमान मूल्यों पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,78,890 रुपए अनुमानित थी, जोकि वर्ष 2017-18 में 1,12,764 रुपए के अखिल भारतीय आंकड़े की तुलना में बढ़कर 1,96,982 रुपए रहने की सम्भावना है, जोकि देशभर में सर्वाधिक में से एक है।
– वैश्विक विश्लेषण कम्पनी क्रेडिट रेटिंग इन्फार्मेशन सर्विसिज ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीआरआईएसआईएल) ने जनवरी 2018 में प्रकाषित अपनी रिपोर्ट ‘राज्य का विकास’ में उल्लेख किया है कि ‘वित्त वर्ष 2013 और 2016 के बीच समग्र सकल घरेलू उत्पाद के साथ-साथ श्रम-सघन क्षेत्र के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के अर्थों में’ हरियाणा षीर्ष तीन राज्यों में रहा।
-सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए कैशलेस मेडिकल सर्विस स्कीम शुरू