ऑन कॉल ड्यूटी पर न आने पर 2 डाक्टरों को नोटिस जारी

खबरें अभी तक। जोनल अस्पताल धर्मशाला में एन.एच.एम. के तहत नियुक्त निजी चिकित्सकों के एमरजैंसी प्रसव मामलों को हैंडल करने के लिए ऑन कॉल भी न आने पर अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार को निजी चिकित्सकों को एग्रीमैंट की शर्तों को दरकिनार करने पर स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर दिए हैं। यदि उक्त चिकित्सक 2 दिन के भीतर सही जवाब नहीं देते हैं तो उनकी सेवाएं रद्द हो सकती हैं।

अस्पताल प्रशासन द्वारा निजी चिकित्सकों द्वारा ड्यूटी में कोताही बरतने पर यह कदम उठाया जा रहा है। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन को यह भी चिंता सता रही है कि इन दोनों चिकित्सकों को हटाने के बाद अस्पताल में प्रसव व सिजेरियन मामलों को कैसे हैंडल करना है।

महिला चिकित्सक नाइट ड्यूटी देने से कर रही इंकार
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में सेवाएं दे रहे उक्त दोनों चिकित्सकों में से महिला चिकित्सक नाइट में 10 से सुबह 5 बजे तक एमरजैंसी ड्यूटी देने से मना कर रही है, वहीं दूसरी ओर निजी स्त्री रोग विशेषज्ञ 1 सप्ताह से छुट्टी पर चल रही है। अस्पताल प्रशासन द्वारा एन.एच.एम. की गाइडलाइन के हिसाब से रखे गए चिकित्सकों के एग्रीमैंट के समय में एमरजैंसी के समय ऑन कॉल की शर्त रखी गई थी। इसके कुछ दिनों के बाद ही इन शर्तों की अवमानना करते हुए महिला चिकित्सक रविवार रात को जोनल अस्पताल धर्मशाला में नहीं आई, जिसके चलते गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान ही टांडा मैडीकल कालेज रैफर कर दिया गया और बीच रास्ते में ही महिला की क्रिटीकल डिलीवरी होने से नवजात बच्चे की जान पर खतरा बन आया।

टांडा रैफर करने पड़ रहे अधिकतर केस
गौरतलब है कि गत माह को अस्पताल से गायनी विशेषज्ञ के तबादले के बाद अधिकतर केस टांडा मैडीकल कालेज रैफर करने पड़ रहे हैं। उधर, इस संबंध में जोनल अस्पताल धर्मशाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. दिनेश महाजन ने बताया कि एन.एच.एम. के तहत नियुक्त निजी चिकित्सकों के एमरजैंसी प्रसव मामलों को हैंडल करने के लिए ऑन कॉल भी न आने पर अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार को निजी चिकित्सकों को एग्रीमैंट की शर्तों को दरकिनार करने पर स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर दिए हैं। यदि उक्त चिकित्सक 2 दिन के भीतर सही जवाब नहीं देते हैं तो उनकी सेवाएं रद्द भी हो सकती हैं।