बॉलीवुड में अगर बदल जाए ये रिवाज़ तो हीरोइनों को मिलेगा नया अंदाज़

किसी भी फ़िल्म में एक्टर और एक्ट्रेसेज़ की जोड़ी सबसे ज़्यादा अहमियत रखती है। कहानी और किरदार की ज़रूरतों के मद्देनज़र जोड़ियों का चयन किया जाता है। भारतीय दर्शक की मानसिकता और समझ को ध्यान में रखते हुए आम तौर पर हीरो के समक्ष कम उम्र की हीरोइन को चुने जाने का रिवाज़ रहा है। इस रिवाज़ का पालन इतनी शिद्दत से किया जाता है कि हिंदी सिनेमा का हीरो अगर हीरोइन से उम्र में दशक-दो दशक बड़ा भी है तो दर्शक स्वीकार करने में कोई नख़रा नहीं दिखाते।

कुछ सुपरस्टार्स के केस में आज भी ये स्वीकार्यता देखी जा सकती है। सलमान ख़ान, अक्षय कुमार, अजय देवगन, शाह रुख़ ख़ान और आमिर ख़ान जैसे सितारे आज भी अपनी फ़िल्मों में अपने से कई साल छोटी अभिनेत्रियों के साथ रोमांस करते देखे जा सकते हैं। तब भी, जबकि कहानी में स्त्री-पुरुष किरदारों के बीच उम्र के इस फ़ासले की कोई ज़रूरत नहीं होती।

इसके पीछे वजह ये होती है कि पुरुष अभिनेता का नायक के तौर पर करियर लंबा होता है, जबकि अभिनेत्रियों का करियर बतौर नायिका एक या डेढ़ दशक से अधिक नहीं चलता। अभिनेत्रियों की नई पीढ़ी आकर पुरानी की जगह ले लेती है, और फ़िल्मकार दर्शकों को नयापन देने के लिए पुराने नायकों के साथ नई पीढ़ी की जोड़ी बनाने लगते हैं। मगर, इसका उल्टा रिवाज़ भी सिनेमा में देखा जाता रहा है, जब फ़िल्म में नायिका अपने से कम उम्र के हीरो के साथ पर्दे पर रोमांस करते नज़र आती है। कुछ मामलों में इसे कहानी की मांग बताकर जस्टिफाई किया जाता है, तो कई मामलों में महज़ नयेपन के लिए जोड़ी बना दी जाती है। ऐसी ही जोड़ियों की चर्चा इस लेख में…