पहली बुलेट ट्रेन का सपना जल्द होगा साकार: 80 फीसद काम हुआ पूरा, जानें क्या है इसकी खासियत

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम जारी है। नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने सोमवार को शिमला में बताया कि अहमदाबाद से मुंबई के बीच प्रस्तावित पहली बुलेट ट्रेन के लिए पुलों व सुरंगों की 80 फीसद डिजायनिंग कर ली गई है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो एबी ने इस परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी। इसके 2022 में पूरे होने की उम्मीद है।

भारत-जापान का संयुक्त प्रोजेक्ट

देश की पहली बुलेट ट्रेन का यह प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे और जापान की शिनकानसेन टेक्नोलॉजी का संयुक्त प्रोजेक्ट है। इसके लिए जापान ने भारत को ऐसा कर्ज दिया है जिसपर बहुत मामूली ब्याज चुकाना होता है।

लक्ष्य की ओर

– ट्रेन के रास्ते में पड़ने वाले पुलों और सुरंगों की डिजायनिंग का 80 फीसद काम पूरा हो गया है।

– मिट्टी की जांच और पूरे रूट की पड़ताल की जा रही है।

– दोनों राज्यों में जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू हो गया है।

– लोगों को नई जगह बसाने के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ने 10 हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया है।

सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त

पूरा प्रोजेक्ट आग व भूकंप रोधी होगा। जिस क्षेत्र में भूकंप आने की संभावना है वहां सीस्मोमीटर लगाए जाएंगे। पूरे ट्रैक पर हवा मापने के यंत्र भी होंगे। ट्रेन की रफ्तार हवा की गति पर निर्भर करेगी। अगर हवा की गति 30 मीटर प्रति सेकंड हुई तो ट्रेन को रोक दिया जाएगा। इस सब सुरक्षा इंतजामों के बाद भी अगर आपात स्थिति बनती है तो सहायता पहुंचाने के लिए एक गाड़ी आठ से दस मिनट में पहुंच जाएगी।