जोंक शरीर से चूसते है खून और मर्ज हो जाता है दूर, यह है एक अनोखी थैरेपी

आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि खून चूसने वाली जोंक आपका मर्ज भी ठीक कर सकती है। यह अभिनव प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हो रहा है। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय में जोंक थेरेपी से रोगों का इलाज किया जा रहा है। चिकित्सा विज्ञान में इस विधि को लीच थेरेपी कहा जाता है। चिकित्सक बताते हैं कि जोंक थेरेपी लाइलाज बीमारियों में कारगर साबित हो रही है।

डॉ. दीपक नायक ने बताया कि जोंक थेरेपी से कई तरह के त्वचा रोगों का इलाज किया जा रहा है। यहां मरीजों के शरीर के कई हिस्सों पर जैसे सिर, चेहरे, हाथ, पेट, पैर से खून चूसता देखकर आप चौंक जाएंगे, लेकिन इस उपचार से मरीजों को काफी राहत मिल रही है।

डॉ. नायक ने बताया कि जोंकों को प्रभावित अंगों के ऊपर छोड़ दिया जाता है। वह मरीज के अंग पर वाय आकार बनाकर चिपकती है और शरीर से गंदे खून को चूस लेती है। इससे किसी प्रकार के निशान भी नहीं रहते। जोंक अशुद्ध रक्त चूसकर शरीर में हिरुदिन नाम का पेप्टाइड डाल देती है। यह हिरुदिन खून में थक्के जमने से रोकता है और पहले से बने खून के थक्कों को घोल देता है।

 इसके कारण खून शुद्ध हो जाता है और खून का संचार तेजी से होने लगता है। इससे शरीर में अधिक ऑक्सीजन वाला खून बहने लगता है और शरीर धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगता है। एक बार में जोंक शरीर से 5 मिलीलीटर खून चूस लेती है। धन्वंतरि चिकित्सालय में जोंक थेरेपी से चर्म रोग जैसे दाद, घाव (नासूर), नसों का फूलना, कील-मुंहासे, सिर पर से किसी एक जगह से बाल कम हो जाना जैसी कई बीमारियों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा है।