शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने आज अपनी सालाना बोर्ड बैठक में बड़े फैसले लिए। इनमें कोटक समिति की 80 में से 40 सिफारिशों को मान लिया गया। साथ ही कंपनी के कामकाज में पारदर्शिता और बेहतर जवाबदेही तय करने के लिए डॉयरेक्टरों की संख्या घटाने को भी मंजूरी दे दी गई, साथ ही इनकी योग्यता के बारे में भी अब जानकारी देना जरूरी होगा। इसके अलावा अन्य बड़े फैसलों में हर कंपनी को अब अपने ऑडिटर्स की योग्यता और फीस बतानी होगी। साल 2020 से कंपनी में एमडी और चेयरमैन के पद अलग अलग होंगे।
म्युचुअल फंड में निवेश करना होगा आसान: म्युचुअल फंड की लागत को 0.05 फीसद कम कर दिया गया है, लिहाजा अब म्युचुअल फंड में निवेश करना आसान हो जाएगा।
घटेगी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संख्या: सेबी की इस सालाना बैठक में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संख्या को कम करने का फैसला किया गया है। इस बैठक के मुताबिक अब एक कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संख्या 10 के बजाए 8 होगी और यह नया नियम 1 अप्रैल से ही प्रभावी होगा।
बड़े फैसले:
- प्रमोटर्स के साथ जानकारी साझा करना मंजूर नहीं।
- बोर्ड बैठक की संख्या 5 करने का प्रस्ताव नामंजूर।
- एक्सचेंज शेयर होल्डिंग को कर सकेंगे फ्रीज।
- ऑडिटर्स की संख्या और फीस बताना होगा जरूरी।
- कोटक समिति की 18 सिफारिशें नहीं मानी गईं।
- बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संख्या 8 होगी और यह नया नियम 1 अप्रैल से प्रभावी होगा।
- F&Q ट्रेडिंग के मौजूदा नियमों में जल्द सुधार होगा।
- एल्गो ट्रेडिंग के नियम बदलेंगे
- आईबीसी कंपनियों की ट्रेडिंग पर जल्द विचार होगा।
- एक्सचेंज टिक बाई टिक डेटा फ्री में देंगे।
- शेयर बायबैक फैसले पर जनता से सुझाव मांगे जाएंगे।