जीएसटी और नोटबंदी के अल्पावधि परिणामों पर काबू पाने के बाद, भारत अब खुद को उच्च विकास दर के साथ आगे बढ़ा सकता है। यह बात भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कही है। गौरतलब है कि नोटबंदी की घोषणा 8 नवंबर 2016 को की गई थी और जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को देशभर में लागू कर दिया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि अब नीति निर्माताओं को यह तय करना होगा कि बैंकिंग क्षेत्र के संकट से निपटने के लिए और क्या किया जाना चाहिए। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन और एयर इंडिया के निजीकरण का जिक्र करते हुए कहा, “कुछ प्रमुख संरचनात्मक सुधारों के बाद अब ग्रोथ में सुधार शुरू हो गया है। खैर दो से तीन सुधार प्रतिक्रियाएं हैं, इसमें वो नई चीजें शामिल नहीं हैं जो हमें करनी हैं।”
भारतीय बैंकों पर 10 लाख करोड़ रुपए के बैड लोन का बोझ है जिसे नीति निर्माताओं की ओर से दिवाला और दिवालियापन कोड (आईबीसी कोड) और अन्य माध्यमों से निपटाने की कोशिश की जा रही है। इंडियन इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए सुब्रमण्यम ने कहा, “अगर हम हालिया बदलावों के मद्देनजर बैलेंस शीट्स में सुधार कर सकते हैं और हम जीएसटी और नोटबंदी के अल्पावधि परिणामों का सामना कर सकते हैं। तो मुझे लगता है जैसा कि हमने हाल ही में देखा है हम उच्च विकास दर को देख सकते हैं।” गौरतलब है कि हाल ही में मोर्गन स्टैनले ने कहा था कि भारत जल्द ही 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।