आसनसोल हिंसा: घर लौटने के नाम पर कांप रही रूह, लोगों के बीच दहशत का माहौल

खबरें अभी तक। आसनसोल में साप्रदायिक हिंसा की आग भले ही शांत हो गई है, लेकिन आपसी रिश्तों में आई दरार और दहशत की खाई ने विश्वास को तार- तार कर दिया है। यही कारण है कि हिंसा के शिकार हुए लोग अब भी अपने घरों को लौटने से घबरा रहे हैं। आसनसोल के बाईपास न्यू कॉलोनी स्थित बीएसयूपी क्वार्टरों में पिछले तीन दिनों से शरणार्थी बनकर रह रहे परिवार अब भी अपने घर जाने के नाम पर कांप रहे हैं।

शरणार्थी शिविर में जैसे- तैसे गुजारा कर रहे इन परिवारों के लिए कुछ समाजसेवियों की मदद से सामूहिक भोजन की व्यवस्था की गई है लेकिन अपना सब कुछ लूट जाने का गम इनके चेहरों पर साफ झलकता दिखता है। यहां शरण लेने वाले विनोद साव, दशरथ पासवान, दयानंद साहनी जैसे अन्यान्य के परिवार के सदस्य भी ऐसे ही दर्दनाक दास्तां बयां कर रहे थे। कई लोगों ने बताया कि नकदी, टीवी, गैस सिलेंडर सब कुछ लूट गया। वहीं कुछ लोग जान बच जाने को लेकर संतोष जता रहे थे।

 स्थानीय भाजपा नेता शंकर चौधरी ने बताया कि हिंसा भड़कने के बाद से ही पलायन कर रहे लोगों को कोई ठौर- ठिकाना नहीं मिल रहा था। ऐसे में हिंसा प्रभावित चांदमारी, गोसाईडांगा आदि जगहों के करीब 50 की संख्या में परिवार वालों ने यहां बीएसयूपी के खाली आवासों में शरण ली है। इनमें कई छोटे- छोटे बच्चे भी हैं। स्थानीय समाजसेवी इनकी सेवा में लगे हैं। चौधरी ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें।