आधार कार्ड हो जाएगा ‘बेकार’! 1 जून से मोदी सरकार ला रही है नई ‘वर्चुअल ID’

खबरें अभी तक। आधार डाटा लीक होने की खबरों के बीच भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने इसमें कुछ और बदलाव करने का निर्णय लिया है. यूआईडीएआई ने वर्चुअल आईडी की शुरुआत करने का फैसला किया है. अब कई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर नहीं देना होगा. आधार के मिसयूज की खबरों के आने के बाद सरकार ने भी आधार वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल पर जोर दिया है. यह सब आधार की सेफ्टी को मजबूत करने के लिए है. लेकिन, क्या आपको पता है कि आधार वर्चुअल आईडी होती क्या है? इसका फायदा क्या होगा. आम जनता इसका इस्तेमाल कैसे कर पाएगी और कैसे ये नई आईडी जेनरेट होगी. इन तमाम सवालों के जवाब हम आपको बताएंगे. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ये आधार से कैसे अलग होगी.

क्या होती है VID?
आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर होता है. अगर इसे आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा. इसमें कुछ ही डिटेल होंगी. UIDAI यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी. अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है. वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सुविधा 1 जून से अनिवार्य हो जाएगी.