ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत की सबसे बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट को चाहती है खरीदना

खबरें अभी तक। अमेरिका की सबसे बड़ी ई–कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट को खरीदने की इच्छा जता रही है. भारतीय बाजार में दोनों कंपनियां व्यापार के मामले में एक दूसरें को कड़ी टक्कर दे रही है. फ्लिपकार्ट के सामने जब ये प्रस्ताव आया तो कंपनी ने मना कर दिया और कहा कि हमें अमेजन के साथ डील पसंद नहीं आ रही है. फ्लिपकार्ट की योजना है कि वह एक अन्य अमेरिकी रीटेल चेन वॉलमार्ट के साथ बिजनेस पार्टनरशिप करे जिसके बाद यह रीटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट में मालिकाना हक ले ले.

बिजनेस अखबार मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के लिए मोटी रकम को खर्च किये जाने की भी योजना थी. इसके तहत अमेजन के सीईओ और दुनिया का सबसे अमीर आदमी जेफ बीजोस 20 बिलियन डॉलर की रकम खर्च करने के लिए तैयार हैं. लेकिन अमेरिकी दिग्गज वॉलमार्ट ई-रीटेल के क्षेत्र में एक बार फिर अमेजन से मात खाना नहीं चाहती है.

लिहाजा, वॉलमार्ट दुनिया के सबसे बड़े बाजार भारत में ई-रीटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट की 55 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार है. इससे पीछे उनका मकसद था अमेरिका में अमेजन के हाथों मिली मात की भरपाई करना और दुनिया के एक बड़े बाजार पर अपना कब्जा कायम करना.

रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट में 55 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए वॉलमार्ट प्राइमरी और सेकेंडरी शेयरों की खरीदारी का सहारा ले सकती है. इस डील से फ्लिपकार्ट का आंकलन बढ़कर 21 बिलियन डॉलर तक भी जा सकता है. कंपनी के आंकलन में होने वाले इस इजाफे के चलते फ्लिपकार्ट भी वॉलमार्ट से डील करने में ज्यादा रुचि दिखा रही है और फ्लिपकार्ट के निवेशक अपना पूरा शेयर इस डील पर बेचने के लिए तैयार हैं.

वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट डील से जुड़े लोगों का दावा है कि वॉलमार्ट के साथ डील की अधिक संभावना बन रही है. हालांकि इसी अखबार ने फरवरी में अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि फ्लिपकार्ट का सबसे बड़ा निवेशक सॉफ्टबैंक वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की डील के पक्ष में नहीं है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सॉफ्टबैंक की मंशा लंबे समय तक फ्लिपकार्ट में निवेश रखने की है लिहाजा वॉलमार्ट के साथ डील की स्थिति में वह अपने शेयर बेचने के लिए तैयार नहीं होगा.