देश की सबसे मशहूर महाराजा दर्जा प्राप्त एयरलाइंस एयरइंडिया फंंस गई है मुश्किलों में

खबरें अभी तक। देश में सबसे चर्चित एयरलाइंस और महाराजा के नाम से मशहूर एयर इंडिया के लिए ये दौर मुश्किलों भरा है. नरेंद्र मोदी सरकार ने एयर इंडिया की एसेट बिक्री के लिए अब तक का सबसे बोल्ड स्टेप लिया है लेकिन इसका विनिवेश प्रस्ताव अब तक आना बाकी है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ संभावित बोलीदाताओं ने सरकार की नियम व शर्तों से नाखुश होकर बिक्री प्रक्रिया में शामिल होने से किनारा कर लिया है.

इस घटना के बाद एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया की शुरुआत न होना भी नरेंद्र मोदी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है क्योंकि अब से ठीक एक साल बाद आम जनता को फिर से तय करना है कि क्या नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है या नहीं. एयर इंडिया की बिक्री के लिए जारी प्रतिरोध न सिर्फ मोदी सरकार की खुद की पार्टी के भीतर हो रहा है बल्कि विभिन्न विपक्षी समूहों और यूनियनों के भीतर भी चल रहा है.

वहीं एयर इंडिया के कुछ कर्मचारी विमानन कंपनी के बिक्री फैसले का विरोध कर चुके हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के लिए सबसे मुश्किल चुनौती देश के राजनीतिक वर्ग को यह समझना है कि आखिर क्यों एयर इंडिया की बिक्री करना देश के सर्वोत्तम हित में है.