पुलिस का उड़ी खिल्ली चोरी पकड़ने के लिए लिया तांत्रिक का सहारा

खबरें अभी तक। वर्तमान समय में जहां विज्ञान निरंतर प्रगति कर तरह तरह के अविष्कार कर रहा है तो दूसरी तरफ इन सब से अलग हटकर सिवान जीआरपी ने अंधविश्वास पर भी यकीन करना शुरू कर दिया है। जीआरपी ने अब कांडों के निष्पादन के लिए नई तकनीक को अपनाया है।

यह तकनीक नहीं बल्कि हास्यास्पद है। जीआरपी ने चोरी की घटना की जांच के लिए तांत्रिक का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इस तांत्रिक को घोड़ा वाला बाबा कहा जाता है।हैरानी की बात यह है कि 21वीं सदी में जीआरपी प्रभारी इस तकनीक पर विश्वास कैसे कर रहे हैं यह समझ से परे हैं।

मामले में बताया जाता है कि एक सप्ताह पूर्व रेलवे कॉलोनी निवासी सह रेल कर्मचारी अनिल कुमार श्रीवास्तव के घर में भीषण चोरी हुई थी। इस चोरी के मामले के उछ्वेदन में जीआरपी को फिलहाल कोई सफलता नहीं मिली है। इसी मामले में नया मोड़ उस समय आया है कि मंगलवार की दोपहर जीआरपी प्रभारी नंद किशोर पीडि़त के घर एक तांत्रिक को लेकर पहुंच गए और मकान के गृहस्वामी को हर कमरे को दिखाने को कहा।