गुड़िया हेल्पलाइन के बाद भी नहीं थम रहा नबालिकों का शिकार

खबरें अभी तक। सरकार भले ही बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए गुड़िया हेल्पलाइन शुरू की हो, लेकिन प्रदेश की बेटियां कहीं सुरक्षित नहीं दिख रही हैं। पालमपुर उपमंडल के परौर के जंगल में हुए सामूहिक दुष्कर्म ने फिर से बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। नाबालिग अपने दोस्त के साथ धार्मिक स्थल पर गई थी, लेकिन लौटते वक्त हवस के भेड़ियों ने उसे नोच डाला। इस वर्ष का यह पहला मामला नहीं है, जब किसी नाबालिग के साथ ऐसा हुआ है।

इससे पहले हरिपुर में एक बच्ची के साथ उसके ही रिश्तेदार युवक ने घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। इंदौरा में पटवारी महिला के साथ मारपीट हुई। मैक्लोडगंज में एक बुजुर्ग ने नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया है। वीरवार को हुई वारदात में मंदिर से लौट रही नाबालिग और उसके दोस्त को पांच युवाओं ने अकेला जानकर रोका,

मारपीट की और फिर दुष्कर्म किया। कहने को तो सरकार ने गुड़िया हेल्पलाइन आरंभ की है, लेकिन इस मामले की जानकारी गुड़िया हेल्पलाइन के जरिए भी सामने नहीं आ पाई।

इसकी वजह पीड़ित का डर बताया जा रहा है। पीड़िता ने सबसे पहले अपनी बहन को इसकी जानकारी दी। इसके बाद परिजनों को जानकारी दी गई। पीड़िता इतनी डर चुकी थी कि घर से भी चली गई थी, लेकिन परिजन हिम्मत कर उसे थाने लाए और प्राथमिकी दर्ज करवाई।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर उसके दोस्त को साथ ले जाकर मामले की छानबीन शुरू की व एक युवक को पूछताछ के लिए देर शाम थाने लाया गया। जंगलके रास्ते में हुए इस कृत्य ने कई सवालों को जन्म दिया है। गुड़िया हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार उस स्तर पर नहीं हो रहा, जैसा होना चाहिए।