चिलचिलाती गर्मी के बीच आग का डबलडोज, बर्बाद हो रहे जंगल

ख़बरें अभी तक। चतरा- गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ चतरा जिला के जंगलों में आग की लपटें भी तेज हो रही है. दरअसल महुआ चुनने की कवायत शुरु होने के साथ ही जंगलों में आग लगा दी जाती है. हालांकि वन विभाग का कहना है कि ग्रामीणों को जागरुक करने की जरुरत है और सभी क्षेत्रों में महुआ के पेङों को संख्याबद्ध किया जायेगा तभी जंगल में आग लगने की घटना पर लगाम लग सकेगा.
चतरा जिला में दो वन प्रमंडल हैं उत्तरी एवं दक्षिणी. जिले के तकरीबन 67 फीसदी भू-भाग में जंगल है. लेकिन अप्रैल एवं मई महीनों में जंगलों में भीषण आग की लपटें दिखती है और यह सिलसिला वर्षों से बदस्तूर जारी है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों की अपनी दलीलें हैं लेकिन सच्चाई है कि जंगलों में आग लगने से पेड़-पौधे तो नष्ट होते ही हैं. इसके साथ-साथ वन्य जीवों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है. लेकिन वन विभाग आज भी दावा करती है कि ग्रामीणों को जागरुक किया जायेगा. लेकिन आज तक जंगलों में लगी आग पर काबू पाने का कोई ठोस उपाय नहीं किये गये हैं.
गौरतलब है कि चतरा जिला के सुदूरवर्ती क्षेत्रों कुंदा, लावालोंग, प्रतापपुर, राजपुर, सिमरिया, गिद्धौर, पत्थलगड्डा व हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र के जंगल में आग लगी हुई है. हालांकि आग पर रोकथाम के लिये वन विभाग द्वारा टीम का भी गठन किया गया है. लेकिन अब तक इस टीम को भी कोई सफलता नहीं मिली है