हजारीबाग अस्पताल का हाल बेहाल, वॉर्ड बॉय बने डॉक्टर  

ख़बरें अभी तक। झारंखड- हजारीबाग का सदर अस्पताल प्रमंडलीय सदर अस्पताल कहा जाता है. परंतु इस अस्पताल की अव्यवस्था का आलम यह है कि यहां कई-कई घंटों तक चिकित्सकों के न रहने की बात तो आपने सुनी होगी. परंतु अब स्थिति यह हो गई है कि कई-कई घंटों तक नर्सें से भी नदारद रहती है. यह ही नजारा सदर अस्पताल हजारीबाग में दिखा.

मरीजों के परिजनों ने हजारीबाग में सदर अस्पताल में लगातार कई घंटों तक नर्सों के नहीं रहने पर मीडिया कर्मियों को खबर किया और कहा कि हमारी सुध लेने वाला यहां कोई नहीं है. हम घंटों से अपने मरीज को खून चढ़वाने के लिए खून तक लाकर रखे हुए हैं परंतु इस गर्मी के मौसम में खून भी अब ठंडा से गर्म होने चला है ऐसे में हम क्या करें हमारा मालिक कोई नहीं है.

सदर अस्पताल हजारीबाग में वार्ड-1 में हमने देखा कि एक वार्ड बॉय जिसका कार्य बिस्तर लगाना और सफाई करना है वह वार्ड बॉय आज विशुद्ध डॉक्टर बना हुआ है और एक मरीज को खून चढ़ा रहा है. ऐसे में अगर खून रिएक्शन करता है तो देखने वाला कौन होगा यह एक बड़ा सवाल है. इस बात के पूछे जाने पर वार्ड बॉय ने साफ कहा कि आप मुझ से नहीं डॉक्टर साहब से बात करें.

कई घंटे बीत जाने के बाद जब अस्पताल प्रबंधन को मालूम हुआ कि अस्पताल में मीडिया की आ चुकी है तो आनन-फानन में उन्होंने एक चिकित्सक को भेजा. चिकित्सक महोदय मीडिया का सामना करने से बच रहे थे परंतु जब मैं उनसे बात करनी चाही तो बड़ी मुश्किल से कहने को राज़ी हुए और उन्होंने नर्सों की कमी का रोना रोया लेकिन यह व्यवस्था का हाल की वजह और क्या है और वार्ड बॉय खून क्यों चढ़ा रहा है,  इस बात का कोई जवाब भी नहीं दे पाए

अगर हजारीबाग ऐसे प्रमंडलीय शहर में प्रमंडलीय सदर अस्पताल का आलम यह है तो आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में लापरवाही का आलम क्या होगा. ऐसे में जरूरत है सरकार द्वारा स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता दिखाए जाने की.