उत्तर कोरिया को परमाणु ताकत हासिल करने में पाकिस्तान ने की थी मदद

खबरें अभी तक। उत्तर कोरिया पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा रहा है, कुछ ही देशों के साथ उसके राजनयिक रिश्ते अच्छे रहे हैं, फिर भी उत्तर कोरिया को आसानी से परमाणु हथियार की तकनीक कैसे मिली? तो बता दें कि  पाकिस्तान ने चोरी-छिपे उत्तर कोरिया की मदद की है और उसे परमाणु हथियार विकसित करने में सहायता की।

उत्तर कोरिया अपने पूर्वोत्तर में पुंगेरी से परमाणु विस्फोटों के जरिये दुनिया को डराता रहा है। लेकिन वक्त ने यू टर्न ले लिया है, अब उत्तर कोरिया शांति की बात कर रहा है। उसने अपने परमाणु परीक्षण स्थल को नष्ट करने की घोषणा की है। उत्तर कोरिया भविष्य में पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निकट संपर्क और बातचीत को बढ़ावा देगा जिससे कोरियाई प्रायद्वीप पर और पूरे विश्व में शांति और स्थायित्व की रक्षा हो सके।

उत्तर कोरिया अब से कुछ महीनों पहले तक गैर जिम्मेदार परमाणु कार्यक्रमों को जारी रखने की जिद की वजह से दुनिया से लगभग अलग-थलग था। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया को परमाणु ताकत हासिल करने में ‘आतंकिस्तान’ ने मदद की थी. ‘आतंकिस्तान’ यानी आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति मानने वाला पाकिस्तान ही उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रमों में मददगार रहा है।

उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के बीच 1990 के दौर में करीबी संबंध बने थे। इसके बाद उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के बीच लिक्विड फ्यूल्ड बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने के समझौते हुए। दोनों देशों के बीच समझौता हुआ कि उनके वैज्ञानिक मिसाइल टेक्नोलॉजी पर साथ मिलकर काम करेंगे। उत्तर कोरिया ने मिसाइल विकसित करने में पाकिस्तान की मदद की और पाकिस्तानी वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान के रिसर्च सेंटर ने उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार विकसित करने की जानकारी दी।

बहरहाल, अब उत्तर कोरिया अपने परमाणु परीक्षण साइट को नष्ट करने का रोडमैप बना चुका है, हालांकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया पहले ही साफ कर चुके हैं कि सबूतों को देखने के बाद ही उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंध हटेंगे। बता दें कि दोनों कोरिया के बीच 1950 में युद्ध हुआ था। जिसमें लाखों लोग मारे गए थे। इसी के बाद उत्तर कोरिया ने पहले आधुनिक मिलिट्री ताकत और बाद में परमाणु ताकत हासिल की। लेकिन नए दौर में उत्तर कोरिया खूनी इतिहास को पीछे छोड़ आगे बढ़ने की बात कर रहा है।