रमज़ान का चांद दिखते ही पुरानी दिल्ली में लोग तैयारी में जुटे

खबरें अभी तक। रमज़ान का चांद दिखते ही पुरानी दिल्ली में लोग तैयारी में जुट गए हैं , दिल्ली के मुस्लिम इलाकों के बाज़ार अब महीनेभर पूरी रात रौशनी से गुलज़ार रहेंगे.

पुरानी दिल्ली के जाम मस्जिद इलाके का बाज़ार ‘चितली क़बर’ है, जहाँ इस वक्त पाँव रखने तक की जगह नहीं. जो दुकानदार सहरी और इफ्तार का सामान बेच रहे हैं उन्हें तो सांस तक लेने की फुर्सत नहीं है,  रमज़ान के लिए लोग पूरे जोशो-खरोश के साथ खरीदारी कर रहे हैं.

रमज़ान के इस पाक महीने में रोज़ा रखने वाले दिन भर न तो कुछ खा सकते हैं और न ही पानी तक पी सकते हैं, सुबह सूर्य-उदय होने से डेढ़ घंटे पहले सहरी का वक्त खत्म होता है, और सूर्य-अस्त होने के बाद ही फिर इफ्तार का वक्त होता है, इस बीच कुछ नहीं खा सकते. मगर इसका भी अपना ही मज़ा है.

कुछ लोग मेडिकली भी रोज़ा रखने को फायदेमंद बताते हैं, कभी कभी भूखे रहना सेहत के साथ ही रूह को भी ताकत देता है.