कर्नाटक का सियासी ड्रामा खत्म, येदियुरप्पा को नहीं मिला बहुमत

खबरें अभी तक। कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री के रूप में गुरुवार को ही शपथ ग्रहण करने वाले बीएस येदियुरप्‍पा को आखिरकार विश्‍वास मत के पहले ही ‘हार’ स्‍वीकार करनी पड़ी. सरकार बनाने के लिए बहुमत की पर्याप्‍त संख्‍या नहीं होने के कारण येदियुरप्‍पा ने शपथ लेने के दो दिन बाद ही इस्‍तीफा दे दिया. उनके इस इस्तीजफे के साथ ही राज्यी में JDS और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने का रास्तात साफ हो गया है.

यह तीसरी बार है जब कार्यकाल पूरा करने के पहले ही येदियुरप्पा  को इस्तीैफा देना पड़ा है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद राज्यापाल वजूभाई वाला ने उन्हेंम मुख्यामंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया था. राज्यंपाल के इस फैसले का कांग्रेस और JDS से विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. इन दोनों दलों का आरोप था कि राज्येपाल ने बीजेपी के कथित तौर पर एजेंट के रूप में काम करते हुए राज्यीपाल ने येदियुरप्पाए को शपथ लेने के लिए बुलाया है.

यही नहीं, उन्होंने शीर्ष अदालत से येदियुरप्पाय के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने के आग्रह किया था. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 104 विधायकों ने जीत हासिल की थी और सदन में बहुमत साबित करने के लिए उसे 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी. यह संख्‍या जुटाने में येदियुरप्‍पा और उनकी बीजेपी सरकार नाकाम रही और विश्‍वास मत हासिल करने के पहले ही उन्‍हें इस्‍तीफा देना पड़ा.