आई आई टी रुड़की के मुख्य भवन में लगेगी बाबा साहब की प्रतिमा

खबरें अभी तक। आई आई टी रूडकी पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाती आयोग की सदस्य डॉ स्वराज विद्वान ने आई आई टी रूडकी के मुख्य भवन में बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है उनका कहना है की आई आई टी रूडकी में अनिसुचित जाती और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के एक कार्यक्रम चल रहा है जिसमें कर्मचारियों ने यह मांग उठाई है उन्होंने कहा की यह आई आई टी प्रशासन के हाथ में है और में जल्द ही आई आई टी रूडकी प्रबंधन से बात करके मुख्य भवन में बाबा साहेब की प्रतिमा की स्थापना करा दूंगी देश में जगह जगह हो रहे दलितों पर अत्याचार पर उन्होंने कहा की दलितों पर अत्याचार बहुत ही शर्मनाक है इसके पीछे मुझे किसी षड्यंत्र की बू आती है

स्वराज विद्वान् ने बताया की जब से नया अनुसूचित आयोग अस्तित्व में आया है किसी भी घटना की जानकारी मिलते ही हम लोग तुरंत घटना स्थल पर जाते है और पीड़ित को इन्साफ दिलाने का कार्य करते है इससे पहले जो पिछला आयोग था वो कोई कार्य नहीं करता था उसके लोग सिर्फ एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता बन कर रह गए थे दूसरा यह की पहले जो अनुसूचित जाती अनुसूचित जन जाती निवारण अधिनियम था।

उसमें बहुत सारी खामिया थी उसको 2015-16 में संशोधित कर एक मजबूत अधिनियम बनाया गया है पहले के अधिनियम में यदि किसी दलित युवक की हत्या हो जाती थी या फिर किसी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो जा था तो उनको 75 हजार से 85 हजार तक का मुआवजा मिलता था नए अधिनियम में यदि दलित महिला के सामूहिक दुष्कर्म होता है तो उसे 8 लाख 25 हजार रूपये का मुआवजा दिया जा रहा है ।

इतना ही नहीं यदि की दलित युवक की हत्या हो जाती है तो उसके परिवार को 8 लाख 25 हजार रूपये दिए जाते है तीन महीने तक उसके परिवार का खर्च सरकार उठाती है और यदि उसके घर में पत्नी या माँ है तो उसको पांच हजार रूपये महिना पेंशन दी जाती है यदि उसके परिवार के पास घर नहीं है तो घर भी दिया जाता है और अगर घर है और कृषि योग्य भूमि नहीं है तो कृषि योग्य भूमि उपलब्ध कराई जाती है यह एक मजबूत अधिनियम है और लोगों को इसका लाभ मिल रहा है इसके लिए में सरकार को बधाई देती हूँ