सरकार के खिलाफ फिर गरजी आशा वर्कर,सामान्य अस्पताल में किया धरना-प्रदर्शन

खबरें अभी तक। हम चाहे कितना भी काम करें, लेकिन सरकार को तो यही लगता है कि इनके बच्चे नहीं हैं। यही कारण है कि सरकार हमसे मुफ्त में काम कराना चाहती है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यह कहना है उन आशा वर्करों का, जिनमें समझौते के बावजूद उसे लागू न करने को लेकर सरकार के प्रति भारी रोष है और इसी को लेकर आशा वर्करों ने आज रेवाड़ी के सामान्य अस्पताल में न केवल धरना-प्रदर्शन किया, बल्कि सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी और सिविल सर्जन को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपने छोटे-छोटे बच्चों और सभी जरूरी कामों को छोडक़र पिछले कई-कई सालों से सरकार के लिए काम कर रही हैं, लेकिन सरकार है कि उनसे मुफ्त में काम लेना चाहती है। इसी वर्ष 17 जनवरी से एक फरवरी तक किए गए आंदोलन के बाद स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक समझौता हुआ था, जिसे आज चार माह बीतने को हैं, लेकिन सरकार द्वारा स्वीकृत की गई मांगों को लेकर अभी तक उसका कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया।

उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया तो वे पहले से बड़ा आंदोलन करने को विवश होंगे।