नालागढ़ के सरकारी अस्पताल में स्वास्थय सेवाएं ठप्प, सरकारी दावों की खुली पौल

खबरें अभी तक। सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थय सेवाएं देने के बडे़-बडे़ दावों तो करती है लेकिन इन दावों की पौल नालागढ़ का सरकारी अस्पताल पौल खोल रहा है । औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में एकमात्र नालागढ़ के सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण अस्पताल में स्वास्थय सेवाएं पूरी तरह ठप्प हो गई है । अस्पताल में बीते काफी लम्बे समय से न तो हड्डियों को कोई डाक्टर है और न ही बच्चों का डाक्टर और अल्ट्रासाउंड ।

जिसके चलते क्षेत्र के प्रतिदिन हजारों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । लोगों को इलाज के लिए या तो निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है या बाहरी राज्यों का रूख करना पड रहा है । जिस कारण मरीजों को इलाज करवाना काफी मंहगा पड़ रहा है । क्षेत्रवासियों की सरकार को बार -बार शिकायतों के बाद भी डाक्टरों की न्युक्ति नहीं की गई है ।

अब लोगों ने सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही डाक्टरों के रिक्त स्थान नहीं भरे गये तो वह इकट्ठे होकर मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाएगें जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।

आपको बता दें कि नालागढ़ अस्पताल को सीएचसी अस्पताल का दर्जा तो कई वर्ष पहले ही दे दिया गया था और अस्पताल में मरीजों के लिए 100 बैड भी लगवा दिए गए है लेकिन अफ़सोस की बात तो यह है कि सरकार आज तक डॉक्टरों की नियुक्ति ही नहीं करवा पाई है जिसके चलते औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के स्थानीय लोगों व यहां काम करने आये बाहरी राज्यों से प्रवासियों को इलाज के लिए दो चार होना पड़ रहा है।

अस्पताल में फैली इस अव्यवस्थता के बारे में जब हमने इलाज करवाने आये मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह सुबह से लाइनों में इलाज के लिए खड़े है लेकिन पांच -पांच घंटे के बाद भी इलाज नहीं मिल रहा है। जिस कारण मरीज काफी परेशान हैं।

इस बारे में जब हमने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से बात की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि सरकार को बने हुए अब कुछ ही महीने हुए है और प्रदेश के अस्पतालों में डाक्टरों और स्टाफ की नियुक्ति के लिए समय लगेगा जिसकी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने नालागढ़ अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करने की भी नसीयत दी है।