सीएम नीतिश कुमार ने बाढ़ आने से पहले की तैयारियों को लेकर की बैठक

खबरें अभी तक। सीएम नीतीश कुमार ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बाढ़ आने की स्थिति में पहले से की गई तैयारियों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रमंडल और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की और उन्हें 30 जून तक बाढ़ और सुखाड़ से निपटने के कार्यों को पूरा कर लेने के निर्देश दिए। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा किसी के वश में नहीं है लेकिन कोशिश से उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे लोगों को कम कष्ट हो।

इस बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ पूर्व तैयारी से संबंधित प्रजेंटेशन भी मुख्यमंत्री के सामने दिए। इस क्रम में मुख्यमंत्री को बाढ़ की स्थिति में संसाधन मानचित्र, एनडीआरएफ सुविधा, तैराकी, गोताखोर, नावों की संख्या, बाढ़ शरणस्थली के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही राहत सामग्रियों की कीमत निर्धारण और आपूर्तिकर्ता का चयन, जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर, फूड पैकेट्स का पैकेजिंग का काम, नाव के बाकी मजदूरी के मामलों पर भी चर्चा की गई।

समीक्षा में जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें मुख्य रूप से तटों की मरम्मती और सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाओं की उपलब्धता, स्वास्थ्य शिविर के बारे में जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति की जिलावार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े अधिकारियों से विस्तृत समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा, “साल 2016 में गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों में भी बाढ़ आई थी। पटना शहर की बाढ़ से सुरक्षा के लिए गंगा किनारे ‘पटना टाउन प्रोटेक्शन वॉल’ जो गोलघर से दानापुर तक विस्तृत है, उसकी मजबूती के लिए भी सतर्क रहने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव की तैयारी के साथ-साथ संभावित सुखाड़ की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि मौसम विभाग ने बारिश की अच्छी संभावना जताई है।