खबरें अभी तक। भारत तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था। इसके बावजूद आजाद भारत का एक हिस्सा ऐसा भी रहा जहां उस वक्त भी विदेशियों का राज रहा था।
यह भाग तटीय नगर गोवा था,जिस पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया हुआ था। 1946 में जब यह बात साफ हो गई कि अंग्रेज अब भारत में ज्यादा समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे।
उस समय राष्ट्रीय नेतागण ये मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर जल्द चले जाएंगे। जबकि स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया इस बात से मेल नहीं रखते थे।
साथ ही लोहिया ने 18 जून, 1946 को गोवा जाकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत कर दी थी। इस आंदोलन में हजारों गोवावासियों ने भाग लिया। इसके तहत कई वर्षो के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली।