हाथी का उपद्रव, गजराज बने मासूम के हत्यारे MUST READ!

खबरें अभी तक। जुजुमुरा ब्लॉक के बहाम गांव में रविवार को विरंचि नारायण पंडा की हाथी के हमले में हुई मौत का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि गुरुवार की सुबह रेंगाली ब्लॉक के बासुपाली गांव में हाथी उपद्रव फिर एक परिवार के लिए मुसीबत बन गई। मुंडा परिवार के एक मासूम बच्ची की मौत हो गई जबकि अन्य तीन को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जानकारी मिलने के बाद ही वन विभाग और संबद्ध कतरबगा पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। बासुपाली गांव के पटामाल मोहल्ला निवासी राजकुमार मुंडा अपनी पत्नी मुक्ता पंडा, बड़ी बेटी दीपांजलि मुंडा और छोटी बेटी गोरी मुंडा के साथ घर के अंदर सोए हुए थे। तभी पास के जंगल से आए एक हाथी ने उनके कच्चे मकान की एक दीवार को पैर मारकर ढहा दिया। दीवार की दूसरी ओर सो रहा मुंडा परिवार दीवार के नीचे दब गया।

राजकुमार मुंडा किसी तरह दीवार के मलबे से बाहर निकले और ईंट मारकर हाथी को दूर भगाया। इसके बाद अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को मलबे से बाहर निकाला। इस दौरान चीख पुकार सुनकर पड़ोसी भी जुट गए और चारों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। यहां इलाज के दौरान ही पांच वर्षीय बड़ी बेटी दीपांजलि मुंडा की मौत हो गई। जिला में हाथियों के उपद्रव के चलते साल भर में अब तक करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन वन विभाग हाथियों के उपद्रव के सामने बेबस दिख रहा है।