दी कैथल केंद्रीय सहकारी बैंक लि. के जर्नल मैनेजर पर अनदेखी करने के लगाए आरोप

खबरें अभी तक। दी कैथल केंद्रीय सहकारी बैंक लि. कैथल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने बताया कि हम मूल वेतन अनुसार ईपीएफ 1995 के सदस्य है। उन्होंने बताया कि लगभग 1 वर्ष पूरा हो गया है और सभी कर्मचारियों ने अपने अपने पूर्ण ब्यौरे अपने नियोक्ता को दिए हैं। लेकिन अभी तक कोई भी सम्प्राप्ति नहीं हुई है। रिटायर्ड कर्मचारी मोहन लाल गुप्ता ने बताया की जनरल नगर ने उनके रिकॉर्ड को बेच दिया है। इस पर जब उन्होंने आपत्ति जतई और जर्नल मेनेजर पर आरोप लगाए। जिसको लेकर उन्होंने न्याय की मांग की।

सेवानिवृत्त कर्मचारी मोहन लाल गुप्ता व सभी कर्मचारी ने मांग करते हुए कहा कि उनकी पेंशन को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 2016 में लागू करने के आदेश दिए हुए है। लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। ओर न ही उन्हें पेंशन मिली। उन्होंने जर्नल मैनेजर पर आरोप लगते हुए कहा कि उंनकी इस मांग की अनदेखी की जा रही है। जिसको लेकर सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों में बहुत रोष है।

बता दें की बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ग्रीवेंसी की मीटिंग में मामले की सूचन मंत्री को दी थी। जिस पर स्वस्थ मंत्री ने कैथल उपयुक्त सुनीता वर्मा को जांच के आदेश दिए थे। उपयुक्त ने आदेशानुसार मामले की जांच को सहायक रजिस्ट्रार डॉ रामकुमार को सौंपी। इसी जांच के चलते आज दोनों पक्षों को डॉ रामकुमार के कार्यालय में पेश होना था। लेकिन जर्नल मेनेजर मोके पर पेश नहीं हुए। जनरल मैनेगर ने कार्यालय में अस्सिस्टेंट न होने का हवाला दिया। जिस पर जांच अधिकारी  डॉ रामकुमार ने कहा की अगर अस्सिस्टेंट नहीं थे तो किसी अन्य या स्वयं भी पेश हो सकते थे जर्नल मैनेजर। जांच अधिकारी ने बताया की इस मामले पर पूरी गहनता से जांच की जा रही है। जो भी इस मामले में दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।