सीएम का जनता दरबार फरियादियों के लिए बना परेशानियों का वजह

खबरें अभी तक। जनता मिलन कार्यक्रम के नाम पर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री और मंत्रियो के जनता दरबार फरियादियों के लिए अब उनकी फरियाद के समाधान के बजाय परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। बीते बरस बीजेपी कार्यालय में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में हल्द्वानी के रहने वाले ट्रांसपोर्टर ने जहर खा लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई और बीते दिवस 57 साल की विधवा टीचर उत्तरा पंत बहुगुणा को मुख्यमंत्री के जनता दरबार से सीधे गिफ्तार करवा कर सस्पेंड भी कर दिया गया।

क्योंकि वे फरियाद कर रही थीं कि वे 25 सालों से उत्तरकाशी जनपद के दुर्गम इलाके में तैनात हैं और साल 2015 में उनके पति की मृत्यु भी हो चुकी है। इसलिए उनका तबादला कर दिया जाए। पति के जाने के बाद से ही विभाग के चक्कर लगा रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, परेशान टीचर के कहने का अंदाज़ तल्ख जरूर था।

लेकिन इतना नहीं कि जनता मिलन कार्यक्रम के लिये लगाये गये जनता दरबार से सीधे ही टीचर को गिरफ्तार  और सस्पेंड  करवा दिया जाए। महिला टीचर ने रोते हुए ANI को अपनी आपबीती सुनाई और बताया कि जबसे उसके पति बीमार थे तभी से वह अपने तबादले के लिए चक्कर काट रही हैं, कल हुये विवाद से पहले भी वे बमुश्किल एक बार सीएम  से मिली थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। मुख्यमंत्री के इस कदम पर काफी तीखी प्रतिक्रिया और कड़ी निंदा हो रही है।