11 मौतों की मिस्ट्री से पर्दा हटा, सामने आई ये सच्चाई

खबरें अभी तक। दिल्ली के बुराड़ी में 11 मौतों की मिस्ट्री से अब पर्दा हटता जा रहा है. पुलिस को संत नगर के घर से शवों के अलावा जो रजिस्टर बरामद हुआ है, उसमें लिखा हर शब्द भाटिया परिवार की मौत को अंधविश्वास और मोक्ष की प्राप्ति के लिए उठाए गए कदम की ओर ले जा रहा है. अब इस रजिस्टर में लिखी एक और हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है.

अब तक की जांच में ये बात सामने आ रही थी कि भाटिया परिवार के छोटे बेटे यानी ललित ने पूरे परिवार की मौत की पटकथा लिखी है. जांच टीम को ऐसे सबूत मिले हैं कि रजिस्टर में मौत की कहानी ललित के हाथों से लिखी गई है. अब पता चला है कि ललित के पिता ही उसका मार्गदर्शन कर रहे थे. वो पिता जो इस दुनिया से पहले ही जा चुके हैं, वही सपने में आकर ललित को बताते थे कि क्या करना है और कैसे करना है.

रजिस्टर से मिली ये नई जानकारी

जांच टीम सूत्रों के मुताबिक, रजिस्टर में ऐसे ही बातें लिखी पाई गई हैं. रजिस्टर में लिखा है, ‘पिताजी ने कहा है कि आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी, लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज कर देना, मैं तुम्हें बचा लूंगा. जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे को नीचे उतारने में मदद करना. तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे.’ यानी ललित को अपने पिता से इस बात के निर्देश मिल रहे थे कि क्या करना और कैसे करना है.

वट सावित्री पूजा का भी जिक्र

रजिस्टर में पिता के सपने वाली थ्योरी के अलावा एक और दिलचस्प जानकारी भी पुलिस के सामने आई है. रजिस्टर में ‘वट सावित्री पूजा’ का भी जिक्र किया गया है. मान्यताओं के मुताबिक यह वह तपस्या है, जिसमें सावित्री ने वट वृक्ष (बरगद का पेड़) के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीत लिया था. जिसके बाद से ही सावित्री के दृढ़ निश्चय व संकल्प की याद में महिलाएं अपने दीर्घ और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के साथ वट वृक्ष की पूजा करती हैं.

वट तपस्या के तहत लोग उस स्थिति में आते हैं, जैसे बरगद के पेड़ के नीचे उसकी शाखाएं झूलती रहती हैं. रजिस्टर में लिखी बातों से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि हो सकता है भाटिया परिवार ‘वट तपस्या’ करने का प्रयास कर रहा हो. क्योंकि रजिस्टर में ये भी लिखा पाया गया है कि अगर कोई कुछ खास रीतियों का पालन करता है तो उनकी समस्याएं सुलझती हैं और भगवान खुश होता है. जिस स्थिति में परिवार के 10 लोगों के शव लटके मिले हैं, वो भी कुछ ऐसी ही तस्वीर पेश कर रहे हैं.

ये तपस्या एक और मायने में अहम मानी जा रही है. दरअसल, वट सावित्री पूजा पूर्णिमा के दौरान की जाती है और बीते 27-28 जून को पूर्णिमा थी. जांच टीम सूत्रों के मुताबिक 27 और 28 जून यानी पूर्णिमा के दिन भाटिया परिवार के घर में भी पूजा और हवन हुआ था. इसके बाद 30 जून मध्य रात्रि के बाद यह हादसा होने के दावा किया जा रहा है.

इस पूजा से केस की एक और अहम कड़ी ये जुड़ रही है कि पुलिस को घर में जो शव मिले, उनमें से सिर्फ ललित और उसकी पत्नी टीना के हाथ ही खुले हुए थे. यानी लटकने के वक्त हाथ बांधने, आंख पर पट्टी बांधने और स्टूल के इस्तेमाल की जो थ्योरी अब तक सामने आ रही है, उससे उलट ललित और टीना के शव बिना हाथ बंधे हुए पाए गए हैं.  क्राइम ब्रांच की टीम अब इस पहलू पर जांच आगे बढ़ा रही है.

जान बचने का था विश्वास

पुलिस सूत्रों से मिली अहम जानकारी के मुताबिक रजिस्टर में लिखी बातों और मौका-ए वारदात से ये पता चलता है कि दरअसल पूरा परिवार एक अनुष्ठान कर रहा था. हाथ और मुंह पर पट्टी बांधकर लटकना इसी अनुष्ठान का अंतिम चरण था. परिवार को शायद ये विश्वास था कि वो बच जाएंगे.

ललित का इतिहास खंगाल रही क्राइम ब्रांच

इस पूरे कांड के पीछे अब तक सिर्फ ललित का नाम सामने आ रहा है. पिता के सपने में आने वाले खुलासे ने जांच टीम के शक को और मजबूती दी है. ऐसे में अब क्राइम ब्रांच की टीम ललित के पूरे जीवन का इतिहास खंगाल रही है. जांच टीम ललित के दोस्तों, उसकी लाइफ स्टाइल, भाई-बहनों से उसका व्यवहार समेत इस बात का पता लगा रही है कि क्या ललित अपने पिता का सबसे लाडला था. ललित की आवाज कैसे गई, इसकी भी जांच की जा रही है.

यानी 11 मौतों की ये मिस्ट्री घर के अंदर छोटे मंदिर के पास से बरामद रजिस्टर में लिखी मौत की पटकथा से सुलझती जा रही है. हालांकि, जांच टीम रजिस्टर की विश्वसनीयता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त तो नहीं है, लेकिन क्राइम स्पॉट और रजिस्टर में लिखी कहानी से फिलहाल पूरी जांच ललित पर केंद्रित हो गई है. साथ ही ये भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं कोई बाबा या तांत्रिक तो इस चक्रव्यूह का रचयिता नहीं है.

बता दें कि बुराड़ी के संत नगर में रविवार (1 जुलाई) की सुबह एक ही परिवार के सभी 11 सदस्यों की मौत ने पूरे देश को सन्न करके रख दिया. शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह फांसी के फंदे से लटकना बताया गया है. घर में 10 लोगों के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले थे, जबकि परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला सदस्य 75 वर्षीय नारायणी की लाश फर्श पर पड़ी मिली थीं.