चीन की धमकी के आगे झुका एअर इंडिया, वेबसाइट पर ‘ताइवान’ की जगह किया ‘चीनी ताइपे’

खबरें अभी तक। आज के समय में चीन के विरोध का सामना करना किसी भी देश के लिए संभव नहीं है, ऐसे में एअर इंडिया की क्या बिसात? यह विमान कंपनी भी दुनिया के उन कई विमान कंपनियों में शुमार हो गई है जिन्हें चीन की धमकी के आगे झुकना पड़ गया।

पिछले महीने एअर इंडिया की वेबसाइट पर ताइवान को स्वतंत्र देश के रूप में दिखाया जा रहा था, जिस पर चीन को आपत्ति थी और उसने इस पर विरोध भी जताया। इसके बाद एअर इंडिया ने चीन की इच्छानुसार ‘ताइवान’ की जगह ‘चीनी ताइपे’ कर दिया।

इससे पहले भी दुनिया की कई हवाई सेवा देने वाली सिंगापुर एयरलाइंस, जापान एयरलाइंस और एयर कनाडा समेत कई विमान कंपनियों ने भी अपनी वेबसाइट पर बदलाव करते हुए ‘ताइवान’ की जगह ‘चीनी ताइपे’ कर दिया था। चीन की नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएसी) की ओर से 25 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया कि वह नहीं चाहता कि ताइवान को एक स्वतंत्र देश के रूप में दर्शाया जाए।

Image result for वेबसाइट पर 'ताइवान' की जगह किया 'चीनी ताइपे'

एअर इंडिया का एक ऑफिस शंघाई में है, और यह इस देश में उसकी एकमात्र जगह है, को भी चीनी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की ओर से पत्र भेजा गया और उसे 25 जुलाई तक उसे सभी जरूरी बदलाव करने का समय दिया गया था।

हालांकि हाल तक एअर इंडिया अमेरिकी विमान कंपनी की तरह ताइवान को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में दर्शाती रही है, जिसका अर्थ यह हुआ कि वह चीन का हिस्सा नहीं है।

इसके बाद चीनी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चीन की साइबर स्पेस प्रशासन को आदेश दिया कि ऐसी वेबसाइटों की तलाश करे जिससे उसे चीन की एअरलाइन वेबसाइट से ब्लॉक किया जा सके।

चीनी विद्वान लोंग झींगचुन के अनुसार, विदेशी कंपनियां जो चीन में बिजनेस करना चाहती हैं या अपने उत्पाद चीनी बाजार में उतारना चाहती हैं, उन्हें चीनी कानून को मानना पड़ता है। यही चीज हर देश में लागू होती है।

एअर इंडिया की ओर से कहा गया है कि वह इस मामले को विदेश मंत्रालय के समक्ष रखेगा। माना जा रहा है कि चीन के इस कदम के बाद चीन भारतीय कंपनियों पर राजनीतिक मामलों पर एक स्टैंड लेने का दबाव बना सकती है।