कामचोर अधिकारियों पर कोर्ट सख्त, वेतन रोकने की दी चेतावनी

खबरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों का वेतन रोकने की चेतावनी दी है, जो काम नहीं करते। बिना आदेश हुए ये अधिकारी व कर्मचारी खुद काम नहीं करते हैं और कुंभकर्णी नींद में सोए रहते हैं। हाई कोर्ट ने धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में अवैध कब्जों के मामलों को लेकर शुक्रवार को अपनी सख्त टिप्पणी में यहां तक कह दिया कि ऐसे लोगों का वेतन रोका जाना चाहिए।

हालांकि वेतन रोकने के आदेश हाई कोर्ट ने नहीं किए हैं,  लेकिन सरकार और धर्मशाला नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त टिप्पणी जरूर की। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने कहा कि आदेश होने के बाद ही राज्य सरकार के अधिकारी व कर्मचारी कुभकर्णी नींद से जागते हैं।

खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि अदालत उन सभी अधिकारियों का वेतन रोके जाने का आदेश पारित करना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार के महाधिवक्ता के आश्वासन दिए जाने के बाद अदालत आज ऐसे आदेश पारित नहीं कर रही। महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वासन दिया कि जिन अधिकारियों के कार्यकाल में धर्मशाला और इसके आसपास अवैध निर्माण हुआ है, उनके खिलाफ तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी।