कृषि कल्याण रैली में किसानों को संबोधित करने पंजाब पहुंचे पीएम मोदी

खबरें अभी तक। पीएम मोदी आज पंजाब के मुक्तसर जिले में कृषि कल्याण रैली में किसानों को संबोधित करने के लिए पहुंच गए है। मंच पर पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, हरियाणा से सीएम मनोहर लाल और पंजाब बीजेपी अध्यक्ष श्वेत मलिक मौजूद है।

मोदी ने पिछले सप्ताह फसलों के एम.एस.पी. में एतिहासिक बढ़ोतरी का बड़ा चुनावी एलान किया था, उसके बाद यह पहली रैली होगी, जिसमें मोदी सीधे किसानों से रूबरू होंगे। इस रैली का खास मकसद मिशन 2019 के लिए जमीन तैयार करना और एम.एस.पी. है। खरीफ फसलों के न्यूनतम विक्रय मूल्य में हालिया वृद्धि की पृष्ठभूमि में शिअद और भाजपा ने संयुक्त रूप से रैली का आयोजन किया है। खरीफ फसलों के न्यूनतम मूल्य में हुई अभूतपूर्व वृद्धि के बाद मुक्तसर जिले के मलोट को चुना गया है।

पंजाब के मुलिस महानिदेशक एच.एस.ढिल्लों ने आज कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री की रैली के लिए समुचित सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’’ अधिकारी ने बताया कि अवर पुलिस महानिदेशक रैंक का एक अधिकारी, चार महानिरीक्षक, 12 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को रैली की सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा और पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने आज मुक्तसर में होने वाली रैली की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। शिअद और भाजपा दोनों मिलकर मलोट में कृषि कल्याण रैली का आयोजन कर रहे हैं। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने चार जुलाई की बैठक में 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में 200 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी।

राज्य के किसानों के हितों की खातिर सरकार के साथ लड़ाई लड़ रही किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदों ने कहा कि वह धान के बढ़ाए गए भाव से संतुष्ट नहीं हैं और धन्यवाद रैली आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एक सियासी स्टंट है। बी.के.यू. एकता उगराहां ग्रुप के प्रांतीय कमेटी मैंबर गुरादित्ता सिंह भागसर और जिला प्रधान पूर्ण सिंह दोदा ने कहा कि सरकार डा. स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू नहीं कर रही है। वास्तव में धान का भाव 2420 रुपए प्रति किं्वटल होना चाहिए। उधर भारतीय किसान यूनियन कादियां ग्रुप ने भी कल राज्य स्तरीय मीटिंग कर इस भाव को नकार दिया है। कादियां ग्रुप के जिला प्रधान जगदेव सिंह कानियांवाली ने बताया कि वह सरकार के इस फैसले के साथ सहमत नहीं हैं और किसानों को गुमराह किया जा रहा है।