छत्तीसगढ़ की ये ‘काली परी’ बनी इंटरनेशनल मॉडलिंग फेम

ख़बरें अभी तक। कहते है खूबसूरती किसी एक रंग की मोहताज नहीं होती है. हर रंग खूबसूरत होता है. यह साबित कर दिखाया है छत्तीसगढ़ की आदिवासी बेटी रैने कुजूर ने, अपने काले रंग के कारण मॉडलिंग की दुनिया में रैने इंटरनेशनल फेम बन चुकी है.

मॉडल रैने कुजूर दिल्ली में पली बढ़ी है. उनका पैतृक निवास छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले बगीचा ब्लॉक के पिरई गांव में है. रैने के माता पिता आज भी जशपुर में ही रहते हैं. वहीं आज रेने कुजूर मॉडलिंग की दुनिया में किसी पहचान की मोहताज नहीं है. 23 वर्षीय रेने ने बताया कि वर्तमान में उनके पास इंडियन से ज्यादा इंटरनेशनल मॉडलिंग आसइनमेंट है.रैने ने बताया कि स्कूल के दिनों से ही उन्हें मॉडलिंग का शौक था.

रैने ने बताया कि इसी शौक के चलते उन्होंने एक बार स्कूल में आयोजित एक फैशन शो में हिस्सा लिया. रैम्प पर पहुंचते ही कुछ लोग उनके काले रंग के कारण चिढ़ाया और काली परी बुलाने लगे. यहीं से उन्हें काली परी का नाम मिल गया. मॉडलिंग इंडस्ट्री में रैने की तुलना फेमस हॉलीवुड सिंगर रेहाना से की जाती है. रैने अपनी काले आकर्षक रूप से मॉडलिंग की दुनिया में इन दिनों तहलका मचा रही है.

जब उन्होंने मॉडलिंग इंडस्ट्री में कदम रखा तो लोगों ने ये कहकर ठुकरा दिया कि हमें रैंप में काली  मॉडल नहीं चाहिए. रैने ने अपनी फैमिली फोटो भी शेयर की है. इसमें उनके माता पिता के साथ वे और एक अन्य युवक नजर आ रहा है. रैने ने बताया कि शुरुआती दिनों में मेकअप ऑर्टिस्ट भी उनका मजाक उड़ाते थे.

 

फिर एक दिन रैने के दोस्तों ने उसकी नेचुरल फोटो को बिना एडिट किए एहसास कराया कि वो तो हॉलीवुड सिंगर रेहाना की तरह दिखती है. रेहाना की स्कीन टोन भी ब्लैक है. बस यही से रैने ने खुद से कहना शुरू किया कि कुछ परियां काली भी होती हैं. छत्तीसगढ़ की आदिवासी बेटी आज इंटरनेशनल फेम बन चुकी है. रैने के पिता दिल्ली में सरकारी नौकरी में थे. रिटायरमेंट के बाद पिता फिदेलियस कुजुर और माता फिलिस्टा कुजुर जशपुर में ही शिफ्ट हो गए हैं.