नाबालिग ने की आत्महत्या, तीन दिनों से भूखी थी नाबालिग

खबरें अभी तक। आगरा में एक पिता के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते तीन दिन से भूखी बेटी ने भूख से तड़पने के बाद घर में पड़े टीन शेड में फंदा लगाकर ख़ुदकुशी कर ली है। 15 साल की नाबालिग मृतक बेटी कक्षा 11 की छात्रा थी जिसने सुसाइड नोट में अपने शराबी पिता,भाई, बुआ और दादी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर कार्रवाई करते हुए नागालिग़ बेटी के शराबी पिता और उसके भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तीन कमरों का घर। महीने की कमाई भी करीब 15-20 हजार रुपये होगी। मगर, हालात भुखमरी जैसे। रसोई में रखे सिलेंडर में गैस नहीं थी और आटे का कनस्तर भी खाली था ,पास में मिटटी का चूल्हा तो है पर हालातों से देखकर साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि न जाने इस चूल्हे पर कब खाना पका होगा।

अपने घर के आँगन में बैठी ये वो माँ है जिसकी आँखों से आंसूं रुकने का नाम नहीं ले रहे है। ये आंसू इसलिए बह रहे हैं क्योकि इसकी नाबालिग बेटी ने तीन दिन भूखा रहने के बाद उससे भूख सहन नहीं हुई और घर में पड़े टीन शेड से फांसी का फंदा लगाकर ख़ुदकुशी कर ली थी। दरअसल मूलरूप से शमसाबाद के रहने वाले नेकराम का परिवार तीस साल से एत्माद्दौला के प्रकाश नगर में रहता है। नेकराम हैंडपंप की बो¨रग और मरम्मत का काम करता है। उसके परिवार में पत्‍‌नी, दो बेटे और चार बेटियां हैं। जिनमें से दो बेटे और दो बेटियों की शादी हो चुकी है।

घर में अब उसके साथ केवल उसकी पत्‍‌नी और दोनों बेटियां प्रीति, दुर्गेश रहती थीं। शुक्रवार की रात 11 बजे 15 वर्षीय दुर्गेश ने घर में कमरे के सामने पड़े टिनशेड में फंदे से लटककर जान दे दी। बहन और मां को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने शोर मचाया। पुलिस मौके पर पहुंची तो पिता छोटे बेटे पर हत्या का आरोप लगाने लगा। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो तीन पेज का सुसाइड नोट मिल गया। इसमें दुर्गेश ने पिता नेकराम के उत्पीड़न से तंग होकर खुदकशी की बात लिखी थी।

दादी रामरती, बुआ भगवान देवी और बड़े भाई दिनेश को भी मौत का जिम्मेदार बताया। मृतक दुर्गेश की बहन ने बताया कि पिता को शराब की लत थी, शराब पीने के बाद आये दिन  घर में मारपीट करना था।घर में जो अनाज रखा हुआ था वो बुआ को दे दिया। हमारे लिए खाने के लिए घर में कुछ नहीं था इसलिए उसने गुस्से में आकर ख़ुदकुशी कर ली। मृतक दुर्गेश द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट में  पिता के उत्पीड़न की पूरी दास्तां लिखी हुई थी। साथ ही यह भी लिखा था कि उसने तीन दिन से कुछ नहीं खाया था। पिता हर माह करीब 15-20 हजार रुपये कमाता था।

इसमें से मोटी रकम वह शराब पीने में खर्च कर देता। अब तीन दिन से घर में न तो रसोई में खाना बनाने को गैस थी और न ही आटा।हमने तीन चार दिन से कुछ नहीं खाया है। मृतक दुर्गेश ने यह भी लिखा कि मैं चाहती हूँ इन्होने हमारे साथ जो भी किया इसकी इनको सजा मिले और मेरे जैसा बाप किसी को न मिले।  मेरी आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब इनको सजा मिलेगी। एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने बताया कि   सुसाइड नॉट के आधार पर पुलिस ने मृतक दुर्गेश के पिता, भाई, दादी और बुआ के खिलाफ आत्महत्या को दुष्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पिता और भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।